NEGPA Scheme केंद्र सरकार ने किसानों के लिए राष्ट्रीय ई-गर्वनेंस योजना (NEGPA)की शुरुआत की है। जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में तेजी से विकास लाना है। देश के किसानों तक हर जरूरी जानकारी पहुंचाना है, जिससे उनकी आमदनी तेजी से बढ़ सके। एनईजीपीए को शुरू में 2010-11 में सात प्रदेशों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरु किया गया। वर्ष 2014 में योजना सभी शेष राज्यों और संघ शासित प्रदेश में लागू की गई। इस योजना का अब दूसरा चरण भी शुरू हो गया है। जिसमें अलग-अलग कार्यों के लिए सरकार ने धन जारी किया है। जिसमें मुख्य रूप से हार्डवेयर और सिस्टम सॉफ्टवेयर की स्थापना और कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना शामिल है।
किसानों की आय बढ़ रही
किसानों की आय बढ़ाने के लिए डीएफआई ने डिजिटल कृषि पहलों के विस्तार और वृद्धि करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खेतों की सही जानकारी, डेटा एनलेटिक्स और क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग आदि का इस्तेमाल बढ़ने चाहिए। साथ ही कृषि क्षेत्र में आधुनिक सूचना टेक्नोलॉजी को भी बढ़ावा मिलना चाहिए। वहीं 2020-21 में एनईजीपीए दिशा निर्देशों में भी संशोधन किया गया है। जिसके बाद कई राज्य आगे आए हैं और विभिन्न पालयट परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
किया जा रहा डेटाबेस तैयार
किसानों के लिए बेहतर योजना और निगरानी के लिए डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। जो मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करने, फसल की सलाह का प्रसार, सटीक खेती, ई-गवर्नेंस सुविधा के लिए स्मार्ट कार्ड, फसल बीमा, मुआवजे का निपटारा, सब्सिडी, अनुदान आदि का उपयोग होगा। अबतक करीब 4.3 करोड़ किसानों का डेटा सत्यापित किया चुका है। किसान डेटाबेस के अलावा एकीकृत किसान सेवा मंच (यूएफएसपी) भी बनाने की पहल जारी है। इससे किसानों से संबंधित डेटा पहुंचने में एक बदलाव लाएगा। वह इसका उपयोग समाधान विकसित करने, बेहतर योजनाओं को बनाने व कार्यान्वयन की निगरानी में मदद करेगा।