मध्यप्रदेश एनएसयूआई की नियुक्ति पर बढ़ते विवाद को देखते हुए प्रदेश के सभी जिले में नियुक्त किए गए एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष की नियुक्ति पर एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव और मध्य प्रदेश प्रभारी नीतीश गौड़ के द्वारा आगामी आदेश तक नियुक्ति को होल्ड रखा गया है
लगभग 1 वर्षों से प्रदेश में एनएसयूआई की नियुक्ति नहीं की गई थी जिसके बाद विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस संगठन द्वारा सभी को अपनी अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए अभी कुछ दिन पहले ही प्रदेश में एनएसयूआई की नियुक्ति की गई थी किंतु सूत्रों की माने तो बहुत से जिले में नियुक्ति को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हो गई थी तो वही यह भी बताया जाता है कि अधिकतर जिलों में बहुत से कैंडिडेट द्वारा बिना एनएसयूआई की मेंबर शिप लिए बिना ही एनएसयूआई जिला अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हो गए थे एवं ऊंची पहुंच के चलते उनके द्वारा यह पद हासिल भी कर लिया गया था और संगठन द्वारा उन्हें जिला अध्यक्ष की कमान भी सौंप दी गई थी, किंतु जो वर्षों से एनएसयूआई के लिए काम कर रहे मेंबर द्वारा इस नियुक्ति पर अपनी आपत्ति जताई गई थी इस नियुक्ति का प्रदेश के अधिकतर जिलों में विरोध किया गया जिसमें आगामी चुनाव को देखते हुए एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव नीतीश गौड़ द्वारा अभी इस नियुक्ति को कुछ समय के लिए होल्ड पर रखा गया है एवं कहा गया है कि जब तक नए जिलाध्यक्ष को लेकर उनके द्वारा आदेश नहीं जारी किए जाते तब तक की गई नियुक्ति होल्ड पर रहेगी
बालाघाट में भी उठे थे विरोध के स्वर-
बालाघाट में भी यह नियुक्ति एनएसयूआई जिला अध्यक्ष विजय भौतेकर के रूप में की गई थी जहां पर वर्षों से काम कर रहे एनएसयूआई के मेंबरों द्वारा इस नियुक्ति का विरोध किया गया था जिसमें हमारे द्वारा जब पूर्व जिला अध्यक्ष दयाल वासनिक से दूरभाष पर चर्चा की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि बालाघाट जिले में भी जो नियुक्ति हुई थी वह भी कहीं ना कहीं नियम विरुद्ध नियुक्ति की गई थी जिसमें ऐसे छात्रों को एनएसयूआई जिलाध्यक्ष की कमान सौंप दी गई थी जिनके द्वारा एनएसयूआई की मेंबरशिप नहीं ली गई थी एवं जब हमें इस बात की जानकारी लगी तो हमारे द्वारा इस बात की शिकायत संगठन स्तर पर की गई थी ऐसी ही स्थिति प्रदेश के बहुत सारे जिलों में निर्मित हुई होगी जिस कारण इस नियुक्ति को अभी अग्रिम आदेश तक होल्ड पर कर दिया गया है और वह चाहते हैं कि संगठन द्वारा ऐसे छात्र छात्राओं को जिला अध्यक्ष की कमान सौंपना चाहिए जो पूर्व से ही संगठन के लिए काम कर रहा हो और जिनके द्वारा एनएसयूआई की मेंबरशिप ली गई हो किंतु अधिकतर देखने मिलता है कि ऊंची पहुंच और बिना मेंबरशिप के ही अपने चाहने वालों को पद दे दिए जाते हैं और जो काम करते रहते हैं उन्हें निराशा हाथ लगती है
1 दिन पहले ही निकाली गई थी एनएसयूआई जिलाध्यक्ष की रैली-
आपको बता दें कि विजय भौतेकर को एनएसयूआई जिला अध्यक्ष बनाए जाने पर उनके समर्थकों द्वारा जिले में एक धूमधाम के साथ रैली एक दिन पहले ही निकाली गई थी और शहर का भ्रमण कर विभिन्न चौक चौराहे होते हुए महापुरुषों की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया था किंतु दूसरे ही दिन देर शाम सोशल मीडिया पर एनएसयूआई राष्ट्रीय सचिव और मध्य प्रदेश प्रभारी नीतीश गौड़ का एक लेटर तेजी से वायरल होने लगा जिस पर यह लिखा हुआ था कि एनएसयूआई राष्ट्रीय सचिव द्वारा इस नियुक्ति को अभी अग्रिम आदेश तक होल्ड पर रखा गया है जिससे फिर छात्र संगठन की राजनीति में एक पक्ष में खुशियां तो दूसरी पक्ष में मायूसी देखने को नजर आई क्योंकि इसके 1 दिन पहले जब छात्रों द्वारा विजय भौतेकर के पक्ष में रैली निकाली गई थी तो निश्चित ही दूसरे पक्ष में मायूसी की स्थिति देखने को मिली थी जिसको लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अनेकों कमेंट और प्रतिक्रियाएं स्वता ही इसका विरोध दर्शा रही थी