पाकिस्तान में डॉक्टर सना रामचंद गुलवानी (Sana Ramchand Gulwani) ने इतिहास रच दिया है। वह पाक में पहली हिंदू महिला सिविल सेवक बन गई है। सना ने अपने पहले प्रयास में सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेज परीक्षा पास की है। इस एग्जाम को पाकिस्तान में सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक माना जाता है। यह भारत की सिविल सेवा परीक्षा की तरह है। गुलवानी सीएसएस एग्जाम पास करने वाली 221 उम्मीदवारों में शामिल रहीं। कुल 18553 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी।
बता दें 27 वर्षीय सना के करियर की शुरुआत अलग थी। उन्होंने 2016 में शहीद मोहतरमा बेनजीर भुट्टो मेडिकल यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ मेडिसिन, बैचर ऑफ सर्जरी की डिग्री के साथ ग्रेजुएशन किया है। सना रामचंद्र ने यूरोलॉजिस्ट के रूप में अपनी पढ़ाई की। बाद में संघीय लोक सेवा आयोग में दाखिला लिया।
शिकारपुर जिले में तैनात थीं
सना रामचंद्र ने कहा कि प्रशिक्षण के समय मुझे शिकारपुर जिले के एक हॉस्पिटल में महिला चिकित्सा अधिकारी के रूप में तैनात किया गया था। ग्रामीण सिंध में सार्वजमिक मेडिकल सेवा की स्थिति बहुत खराब है। मैं हर दिन कई मरीजों को देखती थी। लेकिन न उनके लिए सभी दवाई उपलब्ध थी और भर्ती करने की क्षमता भी कम थी। टेटनस, एंटी रेबीज के इंजेक्शन और बुनियादी इमरजेंसी दवाओं की भी कमी थी।
डिप्टी कमिश्नर को देख लिया फैसला
उन्होंने कहा कि 2019 में जब शिकारपुर के डिप्टी कमिश्नर ने अस्पताल का दौरा किया। सना ने देखा कि अधिकारी का सभी सम्मान करते हैं। वह काम करने और हॉस्पिटल में कमियों को दूर करने के लिए तैयार थे। तभी उन्होंने सिविल सर्विस में करियर बनाने और समाज में बदलाव लाने का फैसला किया।
मनीषा रोपेटा सिंध पुलिस में बनी डीएसपी
वहीं इस साल सिंध की रहने वाली हिंदू महिला मनीषा रोपेटा (Manisha Ropeta) ने भी इतिहास रच दिया। मनीषा की पाकिस्तान पुलिस में डिप्टी सुपरिटेंडेंट के पद पर नियुक्ति हुई है। 26 वर्षीय डीएसपी डॉक्टर बनना चाहती थीं। लेकिन बाद में पुलिस अफसर बनने का फैसला लिया।