अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के चीफ विलियम बर्न्स ने कहा कि रूस-यूक्रेन जंग में न्यूक्लियर वेपन के इस्तेमाल पर चिंता जताने का असर हुआ है। उन्होंने कहा- भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जंग में परमाणु हथियार के इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई थी। इससे रूस पर असर हुआ है। हमें नहीं लगता कि वो अब जंग में न्यूक्लियर वेपन्स का इस्तेमाल करेगा।
CNN के साथ हुए एक इंटरव्यू में बर्न्स ने कहा- मुझे नहीं लगता कि रूस का आज के समय में न्यूक्लियर अटैक करने का कोई प्लान है। वो सिर्फ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की धमकी देते हैं। PM मोदी और जिनपिंग जंग को लेकर चिंता जताते हैं। इसका इम्पैक्ट देखने को मिल रहा है।
रूस की एक स्ट्रैटेजी है
बर्न्स ने कहा- पुतिन का कहना है कि रूस एक रणनीति के तहत हमला कर रहा है। वो देश की सुरक्षा के लिए परमाणु हथियार उठाएंगे। यानी वो जवाबी कार्रवाई में ऐसा करेंगे। पुतिन ने कहा था- अमेरिका के न्यूक्लियर हथियार यूरोप में मौजूद हैं पर रूस ने हथियार किसी देश की सीमा में नहीं है। हमारा परमाणु हथियार तैनात करने का इरादा नहीं है। लेकिन हम अपने देश की सुरक्षा के लिए हम किसी भी हद तक जा सकते हैं।
पुतिन किस हद तक जा सकते हैं ये समझने के लिए 2018 में आई एक डॉक्यूमेंट्री में राष्ट्रपति पुतिन की टिप्पणी सुननी चाहिए। पुतिन ने कहा था, ‘अगर कोई रूस का सफाया करने का फैसला करता है तो हमें जवाब देने का कानूनी अधिकार है। हां, ये मानवता और दुनिया के लिए आपदा होगी, लेकिन मैं रूस का नागरिक हूं और इस देश का राष्ट्रपति भी। हमें ऐसी दुनिया की जरूरत क्यों है जिसमें रूस न हो?
पुतिन की अमेरिका को धमकी
पुतिन पहले भी ये साफ कर चुके हैं कि वो न्यूक्लियर हथियार यूज नहीं करेंगे। पुतिन ने अमेरिका का नाम लिए बिना उसे खुली धमकी दी थी। पुतिन ने कहा था- कोई भी इस गलतफहमी में न रहे कि रूस पीछे है। हमारे पास दुनिया के सबसे खतरनाक एटमी हथियार हैं, लेकिन हम इनका अपनी तरफ से पहले इस्तेमाल नहीं करेंगे।
आज का युग युद्ध का नहीं : मोदी
सितंबर 2022 में उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुई SCO की मीटिंग से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात की थी। दोनों के बीच हुई करीब 50 मिनट बातचीत में PM मोदी ने कहा था- आज का युग जंग का नहीं है। हमने फोन पर कई बार इस बारे में बात भी की है कि लोकतंत्र कूटनीति और संवाद से चलता है।