बिजली के बढ़े-बढ़े खंभों की जगह शहर के भीतर डंडों का सहारा लाइनों को खड़ा करने के लिए लिया है। कभी भी हवा में लाइट टूट जाती है और बिजली सप्लाई बंद कर दी जाती है। 24 घंटे सप्लाई के बावजूद यहां के रहवासी बिजली सप्लाई ब्रेक होने के आदी हो चुके हैं। वोल्टेज भी मनमर्जी से आता जाता रहता है। कब बढ़ जाए ये कोई नहीं जानता। आए दिन इलेक्ट्रानिक उपकरण खराब होते रहते हैं। लोगों की परेशान को समझकर जनप्रतिनिधि ने 20 लाख रुपये दिए लेकिन विभाग फिर भी सुविधा देने में हीलाहवाली कर रहा है।
क्या है मामला: कछपुरा के पास गणेश नगर है। इस कॉलोनी में बिल्डर ने प्लाट तो काट दिए लेकिन बिजली और दूसरी अन्य सुविधाएं नहीं दी। इस वजह से बिजली की सप्लाई भी लोगों को नहीं मिल पा रही है। उपभोक्ता अस्थाई कनेक्शन लेकर काम चला रहे हैं। कई मीटर दूर तक लाइनों को खींचा गया है डंडे,बांस का सहारा लेकर लाइनों को सड़क किनारे खड़ा किया गया है। कई बार आंधी-तूफान में लाइन जमीन पर गिर जाती है बारिश में इसमें करंट फैलने का खतरा भी बना रहता है। यहां के उपभोक्ता लगातार बिजली विभाग से लाइन स्थाईरूप से बिछाने की मांग करते आ रहे हैं। कुछ दिनों पहले राज्यसभा सदस्य विवेक कृष्ण तन्खा ने 20 लाख रुपये की मदद दी ताकि बिजली की अधोसंरचना विकसित की जा सकें। महिनों बीतने के बाद भी अब तक विभाग ने इस कॉलोनी में बिजली व्यवस्था को सुधारने का प्रयास नहीं किया है।
दो से पांच हजार रुपये आ रहा बिल: क्षेत्र में 60 से ज्यादा उपभोक्ताओं के मकान है सभी ने अस्थाई कनेक्शन लिया है। ऐसे में उनके घर लगभग व्यापारिक दर 8 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली का बिल पहुंच रहा है कई बार 5 हजार से ज्यादा बिल भरना पड़ रहा है। जबकि कई उपभोक्ता की मासिक खपत 100 और 150 यूनिट के भीतर होती है इन्हें इंदिरा गृह ज्योति योजना के दायरे में आकर सब्सिडी का लाभ भी मिल सकता है लेकिन अस्थाई कनेक्शन होने के कारण इस लाभ से भी उपभोक्ता वंचित हो रहे हैं।