रेलवे स्टेशन पर यार्ड रिमाडलिंग व इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग (ईआइ) का काम सोमवार को पूरा हो गया। काफी समय पहले यह हो जाना चाहिए था, लेकिन अलग-अलग कारणों से देरी होती रही। 37 साल पुराने आरआरआइ (रुट रिले इंटरलाकिंग) व पैनल बेस्ड इंटरलाकिंग सिस्टम की जगह अब ईआइ के साथ ही कंप्यूरटाइज्ड पैनल बेस्ड आपरेशन सिस्टम का इंस्टालेशन किया गया है। इससे ट्रेनों का संचालन बेहतर व सुरक्षित ढंग से हो सकेगा। साथ ही प्लेटफार्म सात को भी अब मुंबई रेललाइन से जोड़ दिया गया है।
मालूम हो कि 371 रुट्स वाली ईआइ प्रणाली इस वित्तीय वर्ष में पश्चिम रेलवे की सबसे बड़ी इंस्टालेशन है, साथ ही रतलाम का इंस्टालेशन पश्चिम रेलवे का तीसरा सबसे बड़ा ईआइ इंस्टालेशन भी है। रेलवे बोर्ड के रोलिंग ब्लाक प्रोग्राम के तहत रतलाम मंडल की सिग्नल, गतिशक्ति, इंजीनियरिंग, टीआरडी एवं आपरेटिंग विभाग की टीमों ने मिलकर किया है।
प्लेटफार्म पांच से पहली गुड्स ट्रेन को सिग्नल देकर रवाना किया
सोमवार को मंडल रेल प्रबंधक रजनीश कुमार द्वारा मंडल के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति में ईआइ का शुभारंभ कर प्लेटफार्म पांच से पहली गुड्स ट्रेन को सिग्नल देकर रवाना किया गया। इस तरह के काम में अक्सर बड़ी संख्या में ट्रेनों को निरस्त व परिवर्तित मार्ग से चलाया जाता है, लेकिन रतलाम मंडल में विभागों के आपसी सामंजस्य व कुशल प्रबंधन के कारण काफी कम संख्या में यात्री ट्रेनों को निरस्त/शार्ट टर्मिनेट/मार्ग परिवर्तन किया गया।