UP पुलिस ने पूर्व IPS अफसर अमिताभ ठाकुर को जबरदस्ती गिरफ्तार किया

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Viral Video: पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले एक राजनीतिक संगठन बनाने की घोषणा की है। इसके कुछ घंटे के बाद ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यूपी पुलिस के अनुसार उन्होंने दिल्ली में एक बलात्कार पीड़िता और उसके दोस्त को आत्महत्या के लिए उकसाया था। इसके अलावा भी उन पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जब दिल्ली पुलिस अमिताभ को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंची थी तब अमिताभ ने FIR की एक कॉपी की मांग की, लेकिन पुलिस उन्हें जबरदस्ती गाड़ी में भरकर ले गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और यूपी पुलिस की जमकर आलोचना हो रही है।

वायरल वीडियो में पूर्व IPS अफसर ठाकुर अपने घर के बाहर पुलिस वाहन की छत पर चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही वो चिल्ला रहे हैं “मैं तब तक नहीं जाऊंगा जब तक मुझे FIR की एक प्रति नहीं दी जाती” ठाकुर को बार-बार यह कहते हुए सुना जा सकता है। इस बीच पुलिसकर्मी उन्हें वाहन में ढकेल देते हैं और गिरफ्तार कर ले जाते हैं।

अखिलेश यादव ने की आलोचना

ठाकुर की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए, समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ठाकुर की गिरफ्तारी के वीडियो के साथ ट्वीट किया “भाजपा” की राजनीति लोगों के बीच दरार पैदा करने से ही चलती है। अब बीजेपी सरकार के दबाव में पुलिस के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करने को मजबूर है। एक सेवानिवृत्त आईपीएस के साथ ऐसा व्यवहार अक्षम्य है।”

किस मामले में हुई है गिरफ्तारी

लखनऊ के पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने बताया कि पूर्व आईपीएस अधिकारी को बलात्कार पीड़िता की मौत के बाद दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। “16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पीड़िता और उसके सहयोगी ने आत्मदाह का प्रयास किया था। इस संबंध में, सरकार ने एक जांच समिति का गठन किया था, जिसने अपनी अंतरिम जांच रिपोर्ट में, घोसी से बसपा सांसद, अतुल राय और अमिताभ ठाकुर को प्रथम दृष्टया आरोपी पाया था। पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने एक बयान में कहा, जांच समिति ने ठाकुर को पीड़िता और उसके सहयोगी गवाह को आत्महत्या करने के लिए उकसाने और अन्य आरोपों का दोषी ठहराया और उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की भी सिफारिश की।

इस बीच पूर्व आईपीएस अधिकारी ने ट्वीट कर कहा, ‘पुलिस मुझे बिना कोई कारण बताए जबरन हजरतगंज कोतवाली ले गई है। हजरतगंज पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद अमिताभ ठाकुर को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया और जेल भेजने से पहले सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया।

VRS के बाद चुनाव लड़ने का किया ऐलान

ठाकुर को सरकार ने समय से पहले अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी और उन्होंने अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक फैसले के बाद उन्हें 23 मार्च को ‘जनहित’ में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई थी। जुलाई 2015 में समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार में ठाकुर को सेवा से निलंबित कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव पर उन्हें धमकी देने का आरोप लगाया था। हालांकि, उनका निलंबन अप्रैल 2016 तक रहा और बाद में उन्हें बहाल कर दिया गया।

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