इंटरनेट ने हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है। हर छोटे-मोटे काम के लिए हम किसी वेबसाइट पर जाते ही हैं। हरेक वेबसाइट का एक पता होता है, जिसे यूआरएल कहा जाता है। पर क्या आप इसका पूरा नाम और मतलब जानते हैं। क्या आपको पता है कि दुनिया का पहला यूआरएल कब और किसने बनाया था। कैसे, न्यूक्लियर और फिजिक्स पर काम करने वाले एक रिसर्च ऑर्गनाइजेशन से पहले यूआरएल की शुरुआत हुई। उसी यूआरएल से पहली वेबसाइट को भी बनाया गया। यह बात है साल 1989 की।
URL का मतलब और मकसद
URL की फुल फॉर्म होती है यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर। इंटरनेट पर किसी भी रिसोर्स जैसे- वेबसाइट, इमेज, वीडियो यहां तक कि पीडीएफ आदि का एक रिसोर्स अड्रेस होता है। इसी को यूआरएल कहा जाता है। आसान भाषा में समझाएं तो जैसे हरेक घर के लिए एक अड्रेस होता है, उसी तरह से वेब पर किसी चीज को ढूंढने में मदद करता है उसका यूआरएल। जब भी आप गूगल पर अपना टॉपिक सर्च करते हैं तो रिजल्ट्स में कई सारे लिंक दिए जाते हैं। हरेक लिंक एक घर का अड्रेस होता है, जिसमें यूआरएल से उसकी पहचान की जाती है। इसका मकसद होता है उस वेबसाइट की पहचान करवाना।
दुनिया का पहला यूआरएल कब बना (World First URL)
दुनिया के पहले यूआरएल को CERN यानी यूरोपियन ऑर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च के सर्वर पर होस्ट किया गया था। इसी यूआरएल को पहली वेबसाइट भी कहा जाता है। रिपोर्टों के अनुसार, दुनिया के पहले यूआरएल को साल 1990 में बनाया गया था। वेबसाइट का काम था लोगों को वर्ल्ड वाइड वेब के बारे में बताना। इस यूआरएल पर कई रोचक जानकारियां दी जाती थीं। लोगों को बताया जाता था कि वेब ब्राउजर्स क्या होते हैं। उन्हें वेब सर्वर बनाने और एचटीएमएल लिखने के बारे में भी सिखाया जाता था।
किसने बनाया था पहला यूआरएल
रिपोर्टों के अनुसार, पहले यूआरएल को टिम बर्नर्स-ली ने बनाया था। उन्हें वर्ल्ड वाइड वेब का जनक भी कहा जाता है। आज info.cern.ch/ को ओपन करने पर उस पहली वेबसाइट का आर्काइवल वर्जन दिखाई देता है।
किस कंप्यूटर पर बना पहला यूआरएल
रिपोर्टों के अनुसार, पहले यूआरएल को NeXT कंप्यूटर पर बनाया गया था। यह कंप्यूटर भी 1988 के दशक में बना था, जिसे ऐपल के फाउंडर्स में शामिल स्टीव जॉब्स की कंपनी NeXT ने बनाया था। वह तब के जमाने का एडवांस कंप्यूटर था, जिस पर पहला वेब सर्वर और पहली वेबसाइट को बनाया गया था।नोट- यह जानकारी अलग-अलग स्रोतों से ली गई है।