वॉशिंगटन : अमेरिका (America) ने एक बार फिर इराक (Iraq) और सीरिया (Syria) में ईरान समर्थित मिलिशिया पर एयरस्ट्राइक (Airstrike) की है. अमेरिका की यह कार्रवाई मिलिशिया द्वारा किए गए ड्रोन (Drone) हमलों का जवाब है, जिसके तहत अमेरिकी सुरक्षा बलों और इराक स्थित उसके सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया था. अमेरिकी सेना (US military) ने एक बयान में कहा कि सीरिया में दो स्थानों और इराक में एक स्थान पर ऑपरेशनल और हथियार भंडारण परिसरों पर एयरस्ट्राइक की गई है.
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, अमेरिका सेना (US Army) ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि इस एयरस्ट्राइक में किसी की मौत या फिर कोई घायल हुआ है या नहीं, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि आकलन जारी है. ये हवाई हमले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के निर्देश पर किए गए हैं. करीब पांच महीने पहले राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठने वाले बाइडेन ने दूसरी बार ईरान समर्थित मिलिशिया (Militia) पर सीधे हवाई हमला करने का आदेश दिया है. इससे पहले, फरवरी में एयरस्ट्राइक की गई थी.
US को नहीं Iran पर भरोसा – पेंटागन (Pentagon) ने रविवार को जारी अपने बयान में कहा कि हवाई हमलों से यह बताया गया है कि राष्ट्रपति बाइडेन पूरी तरह से स्पष्ट हैं कि वह अमेरिकी सुरक्षाबलों की रक्षा के लिए काम करेंगे. ये हवाई हमले ऐसे समय में हुए हैं, जब अमेरिका ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते (Nuclear Deal) को लेकर फिर से बातचीत कर रहा है. वहीं, कुछ अमेरिकी नेताओं का मानना है कि ईरान पर कभी भी भरोसा नहीं किया जा सकता. ईरान और इसके साथी इराक और सीरिया में अमेरिकी सेना की मौजूदगी को स्वीकार नहीं करेंगे.
Joe Biden ने टिप्पणी से किया इनकार – वहीं, राष्ट्रपति बाइडेन और व्हाइट हाउस ने एयरस्ट्राइक को लेकर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि इराक में अमेरिकी सैनिकों और प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों में ईरान का हाथ है. नाम न बताने की शर्त पर दो अमेरिकी अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि अप्रैल से इराक में स्थित अमेरिकी गठबंधन वाले सैनिकों और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए ईरान समर्थित मिलिशिया ने कम से कम पांच ड्रोन हमले किए हैं.