वोडाफोन आइडिया (Vi) ने स्पेक्ट्रम की पेमेंट पर चार वर्ष के मोराटोरियम को स्वीकार कर लिया है। केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए टेलीकॉम राहत पैकेज के तहत पेमेंट पर मोराटोरियम को स्वीकार करने वाली यह पहली टेलीकॉम कंपनी है। केन्द्र सरकार ने पिछले महीने टेलीकॉम कंपनियों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की थी। इसमें AGR और स्पेक्ट्रम की पेमेंट पर चार वर्ष का मोराटोरियम और बकाया राशि को सरकारी इक्विटी में कन्वर्ट करने का विकल्प शामिल था। Vi के इस फैसले से कंपनी के शेयर में भी बुधवार को तेजी देखी गई।
इस पैकेज से Vi के लिए लिक्विडिटी की समस्या कुछ कम हुई है। अगर यह AGR और स्पेक्ट्रम की बकाया राशि दोनों पर मोराटोरियम को चुनती है तो इसे लगभग 25,000 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत हो सकती है। Vi ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) से पूछा है कि उसे स्पेक्ट्रम की पेमेंट से जुड़ी अपनी बैंक गारंटी कब तक वापस मिलेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने कहा कि वह आगे की तारीख पर इस फैसले की पुष्टि करेगी, कि क्या वह एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) पेमेंट पर मोरेटोरियम के विकल्प और टाले गए भुगतान पर ब्याज को इक्विटी में बदलने के ऑप्शन को चुन रही है या नहीं।
DoT ने पिछले सप्ताह तीन टेलीकॉम कंपनियों, भारती एयरटेल, Vi और रिलायंस जियो को पत्र भेजकर उन्हें 29 अक्टूबर तक मोराटोरियम के विकल्प को चुनने पर फैसला करने को कहा था। एयरटेल और जियो ने अभी तक इस पर उत्तर नहीं दिया है। टेलीकॉम कंपनियों के पास इक्विटी में बदलने के विकल्प का इस्तेमाल करने के लिए 90 दिन का समय है।