अंगों की तस्करी के लिए मध्‍य प्रदेश में हो रहा काले हिरणों का शिकार, सींग, नाखून और दांत बिकते हैं

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गुना जिले के आरोन इलाके में शिकारियों और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ के बाद चार काले हिरणों के सिर समेत अवशेष बरामद हुए हैं। शिकार केवल नर हिरणों का किया गया। जानकारों के मुताबिक नर हिरण पूरे झुंड में सिर्फ एक होता है, यानी शिकारियों ने घात लगाकर इनका शिकार किया है। शिकारियों के तार अंतरराष्ट्रीय तस्करों से भी जुड़े हो सकते हैं, क्योंकि काले हिरण के अंगों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अध‍िक मांग है।

वन अध‍िकारियों के मुताबिक पुलिसकर्मियों की हत्या का एक आरोपित विक्की पूर्व में राघौगढ़ वनक्षेत्र में वन्य प्राणी संरक्षण अध‍िनियम मामले में जेल जा चुका है। वारदात के बाद से विक्की फरार है। इसके अलावा वन्य प्राणियों के शिकार की तीन-चार वारदातें पहले भी सामने आ चुकी हैं। काले हिरण को वन्य प्राणी संरक्षण अ;घिळर्-ऊि्‌झ।नियम 1972 के तहत अनुसूची-1 में रखा गया है।

इसी अनुसूची में बाघ, शेर, घड़ियाल, डाल्फिन समेत अन्य महत्वपूर्ण वन्य प्राणी व जीव शामिल हैं। काले हिरण जंगल या पहाड़ी इलाके की बजाए समतल और घास वाले क्षेत्र में रहते हैं। अशोकनगर और गुना जिलों में इन हिरणों की संख्या आठ से 10 हजार के करीब है।

एसटीएफ की टीम ने घटनास्थल से लिए सैंपल

वन्य प्राणियों के शिकार के मामले में शनिवार को भोपाल से एसटीएफ की टीम ने घटनास्थल के अलावा जंगलों में भी सर्चिंग की। इस दौरान मौके से मिले अवशेषों के सैंपल भी लिए हैं, जिन्हें लैब में जांच के लिए भेजा जाएगा, ताकि अंगों के मिलान के साथ यह मालूूम किया जा सके कि शिकार में किन-किन हथियारों का उपयोग किया गया है।

छह रेंज का वन अमला तलाशी में जुटा

वन्य प्राणियों के शिकार के मामले में रविवार को छह रेंज का वन अमला आरोन क्षेत्र के जंगलों में अलग-अलग तलाशी में जुटी हुई है।

मुख्य वनसंरक्षक बीके पालीवाल और वनमंडलाध‍िकारी हेमंत रायकवार भी घटनास्थल पहुंचे और टीमों को दिशा निर्देश दिए। टीम के सदस्यों ने बताया कि एक काले हिरण के शव की तलाश के साथ अन्य साक्ष्य भी जुटाए जा रहे हैं। वर्जन- शिकारियों के पास कितने हथियार थे, इसकी जानकारी सभी आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद स्पष्ट हो सकेगी। मृत काले हिरण के साथ सींग मिले हैं, इससे तस्करी की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। फिलहाल सभी बिंदु जांच में शामिल हैं।

– आदर्श कटियार, एडीजी भोपाल

एक्सपर्ट व्यू

एक सिर की कीमत पांच से 10 लाख रुपये शिकारी काले हिरण के मांस के अलावा खाल, सींग, सिर बेचते हैं। इसमें अंतरराष्ट्रीय गिरोह शामिल होते हैं, जो कि शिकारियों से उक्त अंगों को खरीदकर ले जाते हैं। काले हिरण की सींग और सिर की अंतरराष्ट्रीय बाजार में पांच से 10 लाख रुपये तक कीमत है। काले हिरण के सींग वाले सिर को घरों में सजाकर रखने के लिए अवैध रूप से खरीदा जाता है। इनकी मांग भारत के अलावा विदेश में अधि‍क है । इसके अलावा हिरण के दांत, नाखून समेत शरीर के अन्य अंगों की भी तस्करी होती है। इन अंगों का दवाओं के लिए उपयोग भी किया जाता है।

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