अंडरपास ब्रिज के लिए करना पड़ेगा लंबा इंतजार

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बालाघाट-सरेखा रेलवे क्रॉसिंग मार्ग पर हो रहा रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण, कछुआ गति से चल रहा है। जहां इस निर्माण के चलते स्थानीय लोगों और अन्य राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर इन परेशानियों से निजात दिलाने के लिए रेलवे क्रॉसिंग के पास बनाए जा रहा अंडरपास ब्रिज के निर्माण में भी तेजी नहीं आ रही है।वहीं इसके कार्य को पूरा करने के लिए आए दिनों तारीख पर तारीख दी जा रही है। जिस अंडरपास ब्रिज का निर्माण कार्य दिसंबर 2023 तक में पूरा हो जाना था, वह कार्य समय सीमा से 6 माह बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। तो वही बालाघाट सरेखा रेलवे क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज का निर्माण शुरू होने के चलते इस मार्ग से बड़े वाहन भी नहीं निकल पा रहे हैं। वही उक्त मार्ग से आवाजाही करने वाले छोटे वाहन चालकों और अन्य राहगीरों को भी लंबे जाम और अन्य परेशानियों से छुटकारा नहीं मिल रहा है। इन सब के बीच 20 जून को रेलवे अंडरपास ब्रिज के निर्माण के लिए रेलवे पटरी के बीचों-बीच लगाया गया गर्डर सोमवार देर रात निकल गया। इसके लिए रेलवे मंडल ने तीन घंटे तक उक्त मार्ग से मालगाड़ी और ट्रेनों का आवागमन पूर्ण रूप से बाधित कर दिया, तो वही करीब 3 घंटे गर्डर निकालकर पटरिया दुरुस्त करने का काम चला रहा।बताया जा रहा है कि रेलवे द्वारा करीब एक महा पूर्व अंडरपास रेलवे ब्रिज के निर्माण के लिए लगाए गए गर्डर को निकालने की के लिए ठेकेदार को सोमवार रात्रि 12:45 से 3:38 बजे तक ब्लॉकेज की अनुमति प्रदान की गई थी.जहां लंबे समय बाद रेलवे से मिली इस अनुमति समय को ध्यान में रखते हुए ठेकेदार द्वारा रेलवे अंडरपास ब्रिज के लिए लगाए गए गर्डर को निकाल कर रेलवे पटरी दुरुस्त की गई। अब ठेकेदारी इंजीनियरो व कर्मचारियों द्वारा इस कार्य को पूरा होने में करीब तीन से चार महीनो का वक्त लगने की बात कही जा रही है। मतलब साफ है की बरसात में भी नागरिकों को रेलवे अंडरपास ब्रिज की सौगात नहीं मिल पाएगी और उन्हें आवागमन करने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

अंडरपास ब्रिज के लिए मिल रही तारीख पर तारीख
बहुप्रतिक्षित सरेखा रेलवे अंडरब्रिज के पास बन रहे रेलवे अंडरपास का काम लेटलतीफी की भेंट चढ़ गया है। रेलवे विभाग द्वारा बनाए जा रहे अंडरपास को शुरू करने का इंतजार अब और बढ़ गया है। पहले रेलवे इंजीनियरों ने दिसंबर 2023 तक अंडरपास बनकर तैयार करने का दावा किया था। इसके बाद कलेक्टर सहित विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण के बाद कलेक्टर डा. गिरीश कुमार मिश्रा ने अप्रैल 2024 तक रेलवे अंडरपास बनाने के निर्देश दिए थे। ये डेडलाइन मई महीने में ही समाप्त हो गई, लेकिन मौजूदा समय में भी इसका काम पूरा नही हो पाया है। वही अब अधिकारी व इंजीनियर अंडरपास का काम सितंबर महीने तक पूरा होने की संभावना जता रहे हैं।जबकि बारिश से काम प्रभावित होगा, मतलब साफ है कि सितंबर माह की दी जा रही नई तारीख, फिर बढ़ा दी जाएगी।

निर्माण में देरी के हैं कई कारण
दरअसल, सरेखा रेलवे अंडरब्रिज के निर्माण को गति देने के लिए अंडरपास का बनना बेहद जरूरी है, लेकिन कई तकनीकी और व्यवहारिक कारणों से इसके निर्माण में बार-बार देरी हो रही है। बीती रात रेलवे ट्रैक काटकर गर्डर निकाले की प्रक्रिया के बाद एक बार फिर अंडरपास निर्माण में तेजी आने की आस जगी है, लेकिन दोनों छोर में ऐसे कई काम हैं, जिसके पूरा होने में दो से तीन महीने लग सकते हैं। इससे पहले अंडरपास निर्माण में प्रशासनिक स्तर पर रेलवे विभाग को सरेखा रेलवे फाटक बंद करने के लिए आदेश का इंतजार करना पड़ा। इसके बाद जब अंडरपास के लिए पटरी के नीचे के हिस्से की खुदाई की बारी आई तो, विशालकाय और महंगे किराए वाली मशीनों के शहर में आने से पहले रजेगांव बैरियर में रोकना, तीज-त्योहारों में मजदूरों का लंबे दिनों बाद छुट्टी से काम पर लौटना, गर्डर बिछाने के लिए ट्रेनों की आवाजाही रोकने संबंधी अनुमति के लिए लंबा इंतजार जैसे कई कारण हैं, जिसके चलते अंडरपास बनने में लगातार देरी हो रही है।
लेटलतीफी से अंडरब्रिज निर्माण पर पड़ रहा फर्क
पीडब्ल्यूडी के सेतु संभाग सहित रेलवे विभाग के अधिकारी व इंजीनियर ये बात स्वीकारते हैं कि अंडरपास में देरी से अंडरब्रिज के निर्माण और इसकी गति में असर पड़ रहा है। क्योंकि अंडरपास बनने के बाद रेलवे इंजीनियर सरेखा रेलवे फाटक को पूरी तरह बंद कर ट्रैक के दोनों छोर पर अंडरब्रिज के पिलर सहित अन्य कामों में तेजी लाना चाहते हैं। वर्तमान में सरेखा क्रासिंग से सिर्फ दो पहिया वाहनों की आवाजाही है, लेकिन मालगाड़ी या सवारी ट्रेन के गुजरने के बाद यहां फाटक खुलते ही जाम लग जाता है, जिसके कारण अंडरपास के बाकी हिस्सों के कामों पर असर पड़ता है।

बरसात के पूर्व हो जाना था काम
बीती रात अंडरपास के ब्लाक फिट करने के लिए लगाए गए गर्डर को निकाला जा चुका है। इसके लिए बीती रात करीब तीन घंटे तक यात्री व मालगाड़ी की आवाजाही रोक दी गई। इंजीनियरों का कहना है कि अंडरपास के लिए आधा से अधिक काम पूरा हो चुका है। अब रेलवे ट्रैक काटकर अलग करने या ट्रेनों की आवाजाही रोकने जैसे काम पूरे हो चुके हैं। शेष कामों में सरेखा सब्जी बाजार की दिशा से गौरव पथ को जोड़ते हुए मार्ग को दुरुस्त किया जाना है। इसके लिए दोनों दिशाओं की रोड और बाउंड्रीवाल बनाई जाएगी। हालांकि, इस काम में अब वर्षा बाधा बनेगी। रेलवे इंजीनियर और ठेकेदार भी दबी जुबान ये बात स्वीकार रहे हैं कि अंडरपास निर्माण में दो से तीन महीने की देरी हुई है और ये काम वर्षा के पहले पूरा होना जाना

ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया है- चौधरी
इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान बालाघाट रेलवे स्टेशन प्रबंधक के एम चौधरी ने बताया कि देर रात्रि विभाग ने अंडर पास ब्रिज से गर्डर निकालने के लिए ब्लॉकेज की अनुमति प्रदान की थी। समय सीमा में गड़र निकालकर रेलवे ट्रैक को दुरुस्त किया गया है। ट्रायल के बाद उक्त मार्ग से पूर्व की भांति ट्रेनों का विधिवत परी संचालन शुरू कर दिया गया है।

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