अचानक बदला मौसम, तेज हवाओं के साथ हुई बूंदाबांदी

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सागर। गुरुवार को मौसम का मिजाज अचानक बदल गया। बादल छाने के साथ ही तेज हवाएं चलने लगीं। जिले के कई हिस्सों में बूंदाबांदी भी हुई। इससे किसानों की धड़कनें बढ़ गई हैं। मौसम में हुए अचानक बदलाव से किसान चिंतित हो उठे, क्योंकि जिस तरह से हवाएं और बादलों की गड़गड़हाट हुई इससे तेज बारिश की आशंका बनी है। काली घटाएं छाई हैं।

किसानों का कहना है कि उसकी फसल पककर खड़ी हुई है। यदि अब पानी गिरता है तो मेहनत पर ही पानी फिर जाएगा। देवरी ब्लॉक के रीछई गांव के संतोष सिंह का कहना है कि गेहूं की फसल पककर तैयार हो गई है। लहसुन की फसल भी कटने के लिए पड़ी हुई है। यदि ऐसे में बारिश हो जाती है तो फसल पूरी तरह खराब हो जाएगी। श्री सिंह का कहना है कि खेतों में इन दिनों जोरशोर से चना, मसूर व गेहूं की कटाई का काम चल रहा है। वहीं मसाला फसलों में लहसुन और प्याज हजारों एकड़ में खोदाई व कटाई का काम चल रहा है। ऐसे में यदि बारिश होती है तो तैयार हो चुकी फसल पूरी तरह खराब हो जाएगी। वहीं गेहूं व चना की फसल भी दागी हो जाएगी। किसान साहब सिंह, वीरेंद्र चौरसिया का कहना है कि मौसम इससे पहले भी दगा दे चुका है। जनवरी के अंतिम दिनों में ओले गिरने के साथ ठंडी हवाओं के कारण तुषार लग गया था, इससे उन्हें बहुत नुकसान हो गया था। अब यदि पानी गिरता है तो यह किसानों की पूरी मेहनत पर पानी फिर देगा। रहली ब्लॉक के दरारिया गांव के किसान सत्तू पटेल का कहना है कि दोपहर बाद बूंदाबांदी के बाद से ही किसान खेतों में डटे हैं। फसल कटाई कर खलियान तक पहुंचाने का जतन कर रहे हैं। हार्वेस्टर से फसल कटाई तेज हो गई है।

कटाई के बाद सुरक्षित रखे फसल

सागर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख विज्ञानी डॉ. केएस यादव ने 12 व 13 मार्च को प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश व हवाएं चलने की आशंका है। अतः कटाई एवं गहाई उपरांत फसलों को एवं अनाज को सुरक्षित स्थान पर रखें। उन्होंने कहा कि फसलों को आग एवं बिजली के तारों के स्पार्किंग से सावधानी बरतें।

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