अतिवृष्टि की चपेट मे आये मकानों का न हुआ सर्वे न मिला मुआवजा

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गरीब लोगो का जब आशियाना गिरता है तो उसका दर्द वे ही जानते है। इस वर्ष हुई बारिश की वजह से वारासिवनी क्षेत्र अंर्तगत आने वाली अनेको ग्राम पंचायत मे बारिश ने अपना कहर से कई मकानो को जमींदोज किया है। जिसमे जन की हानि तो नही हुई है मगर कई पालतू मवेशियो की जरूर जान गई है। मगर प्रशासन की और से इन पीडि़तो के गिरे हुये मकानो का सर्वे कराया गया है और ना ही उन्हे किसी प्रकार का मुआवजा दिया गया है। जबकि प्राय: प्राय:पीडि़तो ने अपने ऊपर हुये वज्रपात की जानकारी ग्राम सरपंच सचिव व जनपद को तक दी है। मगर किसी प्रकार की कोई सुध नही ली गई है। इसी तरह का एक मामला ग्राम पंचायत कासपुर का है जहां गिरे कच्चे मकान जिसमे लोग रहते थे उन्हे भी किसी प्रकार की राहत राशि अभी तक नही मिली है। जिसके पीछे का कारण न तो उनके गिरे मकान को कोई देखने आया और ना ही सर्वे हुआ।
किराये के मकान मे रहकर कर रहे जीवन यापन – हिरदेराम भगत
इस संबंध मे पद्मेश को जानकारी देते हुये ग्रामीण हिरदेराम भगत ने बताया कि उनका मकान इस वर्ष हुई बारिश मे अगस्त माह मे गिरा है। हमे मकान गिरने की संभावना थी हम लोगो ने दूसरे के घर का सहारा लिया और वर्तमान मे किराये से रह रहे है। अधिकांशता सामान हमारा दबा हुआ है। हमने इस बारे मे सरपंच पटवारी सचिव सभी को सूचना दी है। मगर किसी ने भी आकर नही देखा। अब हमारे सामने दिक्कत इस बात की है कि हम कब तक किराये के मकान मे रहेंगे। ऐसे मे हम जैसे तैसे इस मकान को बनायेंगे बाकी प्रशासन से हमे कोई मदद नही मिली है। अगर प्रशासन हमारी कुछ मदद कर दे तो निश्चित ही हमारा आशियाना भी बन सकता है। श्री भगत ने बताया कि वे गरीबी रेखा के नीचे आते है उन्हे न तो उन्हे शासन की किसी प्रकार की कोई आवास योजना का लाभ नही मिला है।
सूचना देने के बाद भी कोई ने नही ली सुध – संगीता वघारे
इसी तरह ग्रामीण महिला श्रीमती संगीता वघारे ने पद्मेश को बताया कि वे कासपुर के आखरटोला की निवासी है। उनके मकान के सामने का हिस्सा बरसात मे गिर गया था। जिसकी सूचना भी हमने सरपंच, सचिव, जनपद को दी साथ ही पटवारी को भी अवगत कराया मगर कोई भी हमारी सुध लेने नही आया।
घर के गिरने से दबकर मरी थी ४ बकरी
श्रीमती वघारे ने बताया कि हमारे सामने के हिस्से मे जो दीवार व मकान का सच्चा गिरा है पानी गिरने की वजह से हमने अपनी बकरी बांधे थे ताकि उन्हे पानी से बचाया जा सके साथ ही हमारे घर मे जो कार्य चल रहा था उस मजदूर की साईकिल भी हमने इसी हिस्से मे रखी थी। मगर जैसे ही सामने का हिस्सा गिरा तो हमारी ४ बकरी उसके मलबे मे दबकर मर गई व साईकिल दब गई। इस तरह हमे काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। मगर प्रशासन की और से कोई मदद नही मिली है।
इनका कहना है –
इस मामले मे ग्राम पंचायत सचिव झनकलाल लिल्हारे ने दूरभाष पर बताया कि हमे जब सूचना मिली की मकान गिरे है तो हमने इस बात की जानकारी पटवारी को दे दी थी। उस समय पटवारियो की हड़ताल चल रही थी। पटवारी ने मौके स्थल पर पहुॅचकर सर्वे किया है या नही इस बात की जानकारी नही है।

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