अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा गुजरी बाजार काम्प्लेक्स

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नगर विकास का दावा करने वाली नगरपालिका का पूर्व में कि गई व्यवस्था पर ध्यान नहीं है। जिसके चलते कुछ वर्ष पूर्व कराए गए निर्माण कार्य अब बदहाल होते नजर आ रहे हैं जो धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो रहे हैं। ताजा मामला गुजरी मार्केट का है जहां वर्ष 2013 में नपा द्वारा गुजरी मार्केट भवन कंपलेक्स का निर्माण कराया गया था। जहां टेंडर प्रक्रिया के तहत चिल्लर सब्जी विक्रेताओं को दुकान लगाने के लिए 61 गुमठी आवंटित की गई थी। वहीं ग्राहकों के आने जाने की व्यवस्था, पार्किंग व विद्युत सुविधा सहित अन्य व्यवस्थाएं बनाई गई थी वही नपा द्वारा एक सुव्यवस्थित गुजरी मार्केट बनाने का दावा किया गया था लेकिन अब वही गुजरी गुमठी मार्केट बदहाल हो चुका है। जहां बनाई गई ज्यादातर गुमठी दुकानें टूट फूट गई है इसके अलावा वर्ष 2013 के बाद आज तक नपा द्वारा लगाई गई विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया गया है। वहीं पार्किंग की व्यवस्था ना होने से गुजरी मार्केट गुमठी कांप्लेक्स चारों ओर वाहनों से घिर चुका है जगह-जगह अतिक्रमण होने से गुमठी मार्केट अतिक्रमण से दब चुका है कुल मिलाकर कहा जाए तो गुजरी बाजार का गुमठी कॉन्प्लेक्स अपनी बदहाली पर आंसू बहाता नजर आ रहा है जिस पर नगर पालिका का कोई ध्यान नहीं है। जिसे दुरस्त करने की मांग गुजरी काम्प्लेक्स चिल्लर सब्जी विक्रेताओ द्वारा की गई है।

महज 15 गुमठी में लग रहा बाजार,45 गुमठी हो चुकी बदहाल
गुजरी में चिल्लर सब्जी विक्रेताओं के लिए वर्ष 2013 में बनाए गए कांप्लेक्स में नगर पालिका द्वारा सब्जी व्यवसायियों को 61 गुमठी आवंटित की गई थी जिसमें से अब महज 15 गुमठी में ही दुकानें लग रही है जबकि 45 से अधिक गुमठी टूट-फूट गई है।जिसके चलते वहां के सब्जी व्यापारी भी अब सड़क किनारे दुकान लगाने के लिए मजबूर हैं जिस पर नपा का अब तक कोई ध्यान नहीं है ना तो नगरपालिका स्वयं गुमठी का पुना: निर्माण कर रही है और ना ही चिल्लर व्यापारियों को गुमठी बनाने की अनुमति दे रही है। जिससे चिल्लर व्यापारी काफी परेशान है।

काम्प्लेक्स निर्माण के समय खुदवाया था बोरिंग
हैंडपंप आज तक नहीं लगाया
वही बात अगर पेयजल व्यवस्था की करें तो गुजरी मार्केट में सब्जी व्यवसायियों के लिए पेयजल की सुविधा नहीं है।जहां चिल्लर सब्जी व्यापारी जामा मस्जिद पुराने थाने के आगे लगे हैंडपंप से पानी लाने के लिए मजबूर हैं तो वहीं कई सब्जी व्यापारी 20 रु में रोजाना पानी की केन खरीद कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं ।बताया जा रहा है कि वर्ष 2013 में जब कांप्लेक्स का निर्माण कराया गया था उस वक्त नपा द्वारा कॉन्प्लेक्स परिसर में ही बोरिंग खुदवाया गया था जिस पर हैंडपंप लगाकर 24 घंटे पेयजल की सुविधा दिए जाने का वादा किया गया था लेकिन आज तक गुमठी बाजार कॉन्प्लेक्स के व्यापारियों को पेयजल की सुविधा नहीं मिल पाई है। वही अब काम्प्लेक्स परिसर में खुदवाए गए बोरिंग को भी बंद कर दिया गया है।

विद्युत व्यवस्था बदहाल
गुजरी मार्केट में बनाए गए कांप्लेक्स में विद्युत व्यवस्था बदहाल हो चुकी है जहां वर्ष 2013 में की गई वायरिंग को बदलना तो दूर की बात आज तक नगर पालिका ने वर्षो से बंद पड़े बल्फ़ तक नहीं बदले हैं। जिसके चलते सब्जी व्यापारी स्वयं के पैसे खर्च कर बल्फ़ लगाने के लिए मजबूर है।

पार्किंग की नहीं है व्यवस्था, जगह-जगह गंदगी
गुजरी मार्केट कॉन्प्लेक्स में वाहन पार्किंग की सुविधा भी नहीं है जिसके चलते लोग सड़कों पर ही वाहन पार्क कर सब्जी खरीदने के लिए मजबूर हैं इसके अलावा कांप्लेक्स के भीतर व सामने की जगह पर जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है जिसे हटाने की जहमत भी नगरपालिका ने नही उठाई है।

छत पर लगा रहता है असामाजिक तत्वों का डेरा
बताया जा रहा है कि गुजरी कॉन्प्लेक्स की छत पर रोजाना ही शराब पार्टी चलती है जहां कुछ असामाजिक तत्व अक्सर शराब का सेवन कर खाली बोतलों को छत पर फ़ोड़कर हुड़दंग मचाते हैं इसके अलावा कई बार असामाजिक तत्वों द्वारा छत पर आग तक लगा दी जाती है जिस पर अब तक अंकुश नहीं लगा लगाया गया है।

व्यवस्थाओं में सुधार होना चाहिए- रफीक खान
मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान सब्जी विक्रेता रफीक खान ने बताया कि यहां की व्यवस्थाओं में सुधार होना चाहिए ।वही सभी 61 गुमठीओ की मरम्मत की जानी चाहिए। ताकि व्यवस्थित रूप से सब्जी मार्केट लगाया जा सके। इसके अलावा वर्ष 2013 में काम्प्लेक्स निर्माण के दौरान जो बोरिंग खोदा गया था उस बोरी का उपयोग आज तक नहीं किया गया है। उसमें हैडपंप या मोटर नहीं लगाई गई है। वही नगर पालिका ने जो विद्युत व्यवस्था की थी वह पर्याप्त नहीं है।इसीलिए हमें अपने पैसों से बल्ब लगाना पड़ता है इसके अलावा अव्यवस्थाए होने के बावजूद भी हमसे टैक्स भी वसूला जा रहा है।हमारी मांग है पूर्व की भांति यहां व्यवस्थाएं बना कर दी जानी चाहिए ताकि ग्राहकों को यह पहुंचने में किसी प्रकार की परेशानी ना उठानी पड़े।

मजबूरी में लगा रहे सड़क किनारे दुकान -इंदु गजभिए
मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान सब्जी विक्रेता श्रीमती इंदु गजभिए ने बताया कि वर्ष 2013 में नगर पालिका ने उन्हें गुजरी काम्प्लेक्स में दुकाननुमा गुमठी आवंटित की थी। जो पूर्ण: टूट गई है .इसीलिए वे दुकान नहीं लगा पा रही हैं और उन्हें मजबूरन सड़क किनारे दुकान लगानी पड़ रही है। इसके अलावा जहां तहां गंदगी पसरी रहती है हमने कई बार यहां की व्यवस्थाओं में सुधार करने के लिए बोले लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई है ।

टैक्स के मुताबिक नही मिल रही सुविधाए – विजय नगपुरे
मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान दुकानदार विजय नगपुरे ने बताया कि वे अपने करीब 20 वर्षों से सब्जी का व्यवसाय कर रहे हैं वर्ष 2013 में नगर पालिका द्वारा में काम्प्लेक्स में दुकान लगाने के गुमठी दी गई थी।जो तीन-चार वर्षों में ही टूट गई उन्होंने बताया कि हम बकायदा दुकान लगाने का टैक्स देते हैं लेकिन टैक्स के मुताबिक हमें सुविधा नहीं मिल रही है। पीने के पानी के इंतजाम तक यह में नहीं किए गए हैं मरोजाना हमें भी 20 रु में पानी की केन खरीदकर प्यास बुझानी पड़ती है ।वही कॉम्प्लेक्स के सामने एक बोरिग खुदवाया गया था।
उसको भी अब बुझा दिया गया है। उनकी रिपेयरिंग तक नहीं कराई जा रही है। हमारी मांग है कि यहां की व्यवस्थाओं में सुधार होना चाहिए ।

बजट आने पर ही समस्या का होगा समाधान श्रीवास्तव
वही इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान मुख्य नगरपालिका अधिकारी निशांत श्रीवास्तव ने बताया कि गुजरी बाजार कंपलेक्स की सभी समस्याओं को जल्द दूर किया जाएगा ।इसके लिए आगामी पीआईसी की बैठक में प्रस्ताव रखेंगे। उम्मीद है कि प्रस्ताव पास हो जाएगा ।उक्त प्रस्ताव पास कर बजट के लिए शासन को भेजा जाएगा। क्योंकि नगर पालिका के पास बजट नहीं है। प्रस्ताव पारित पर बजट आने पर ही वहां की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

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