कंगाली की स्थिति में पहुंच चुके पाकिस्तान (Pakistan) के लिए एक और बुरी खबर आई है। फ्रांस की राजधानी पेरिस में तीन दिनों तक चली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की मीटिंग के बाद ये फैसला किया गया है कि पाकिस्तान को अप्रैल 2022 तक ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा। FATF के प्रेसिडेंट मारकस प्लिइर ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि पाकिस्तान सरकार ने एक्शन प्लान के 34 में 30 प्वाइंट पर काम किया है, और ग्रे सिल्ट से बाहर होने के लिए उसे बाकी के 4 प्वाइंट्स पर भी काम करना होगा। पाकिस्तान को पहली बार जून 2018 में इस लिस्ट में डाला गया था। तब से कई बार वो लिस्ट से बाहर आने के प्रयास कर चुका है और हर बार असफल रहा है। आतंकी संगठनों को मिलने वाली आर्थिक मदद और मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगाने में असफल रहने की वजह से पाकिस्तान को इस लिस्ट में डाला गया था।
इसके साथ ही FATF के प्रेसिडेंट मारकस प्लिइर ने मॉरिशस और बोत्सवाना को ग्रे लिस्ट से बाहर होने पर बधाई दी। वहीं FATF की ताजा ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान के अलावा टर्की, माली और जॉर्डन शामिल हैं।
इस मौके पर उन्होंने अफगानिस्तान का भी जिक्र किया और वहां मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों की फंडिग की बढ़ती गतिविधियों को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि FATF अफगानिस्तान पर नजर रखे हुए है, और संयुक्त राष्ट्र के स्टैंड का समर्थन करता है। हम मांग करते हैं कि इस देश का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों की प्लानिंग और फंडिंग के लिए ना हो।