लीमा: चीन ने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से ठीक पहले बड़ा कदम उठाया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका के पड़ोसी लैटिन अमेरिका महाद्वीप में एक बेहद विशालकाय बंदरगाह का उद्घाटन किया है। यह बंदरगाह दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में बनाया गया है जो कभी अमेरिका का करीबी हुआ करता था लेकिन अब उससे मुंह मोड़ रहा है। विश्लेषक अमेरिका के इतने करीब बंदरगाह बनाने को चीन का निर्णायक कदम बता रहे हैं। यही नहीं कई विश्लेषक यह भी आशंका जता रहे हैं कि आने वाले समय में यहां चीन की नौसेना भी पहुंच सकती है। साथ ही जासूसी को भी अंजाम दिया जा सकता है। चीन के बनाए इस पोर्ट को नाम चानकाय है और यह प्रशांत महासागर के तट पर बनाया गया है।
इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप जब चुनाव प्रचार कर रहे थे तब उन्होंने ऐलान किया था कि वह चीन में बने सामानों पर 60 फीसदी टैरिफ लगाएंगे। अब अमेरिका के दरवाजे पर ही चीन ने बड़ा खेल कर दिया है। इस नए बंदरगाह से चीन ने पूरे उत्तरी अमेरिका को ही काटकर नया व्यापार मार्ग ही खड़ा कर दिया है। इससे चीन को यहां ट्रंप के अमेरिका की जरूरत ही नहीं रहेगी। इस बंदरगाह के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि खुद चीनी राष्ट्रपति ने इसका उद्धाटन किया। शी जिनपिंग पेरू में एपेक की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे थे।
‘अमेरिकी अपनी गलती की कीमत चुका रहा’
एपेक की बैठक की बजाय दुनिया की नजर इस बंदरगाह पर थी। यह बंदरगाह इस बात का एक और सबूत है कि चीन बहुत तेजी से अपनी आक्रामकता को बढ़ा रहा है और अब उन इलाकों में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है जो अमेरिका के प्रभाव वाले माने जाते थे। वहीं विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका ने अपने पड़ोसियों के साथ वर्षों से अच्छा व्यवहार नहीं किया। उनकी जरूरत को पूरा नहीं किया। इसकी कीमत अब अमेरिका को चुकानी पड़ रही है। अमेरिका के मदद नहीं करने को चीन ने मौके के रूप में लिया और लैटिन अमेरिकी देशों पर बहुत तेजी से अपना दबदबा बना लिया है।










































