शासन द्वारा आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य आशा कार्यकर्ताओं को दिया गया है। लेकिन आशा कार्यकर्ता विभिन्न कारणों के चलते इस कार्य को नहीं कर पा रही है। जहां आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य न करने पर अब उन्हें नौकरी से निकलने की धमकी दी जा रही है। जिस पर अपना एतराज जताते हुए उन्होंने शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय में एक ज्ञापन सौपा है। आशा कार्यकर्ता सहायिका संगठन द्वारा सौंप गए इस ज्ञापन में उन्होंने आयुष्मान कार्ड बनाने के इस कार्य से आशा कार्यकर्ताओं को मुक्त किए जाने की मांग की है। अपने इस ज्ञापन में आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं द्वारा एचबीएनसी, एचबीवायसी, गर्भवती महिलाओं की सेवा,गर्भवती महिलाओं और बच्चो का टीकाकरण, प्रसव कराना, घर-घर सर्वे, डॉटस का सर्वे, मलेरिया सर्वे, मच्छरदानी वितरण सर्वे सहित 52 प्रकार के कार्य शासन द्वारा कराए जा रहे हैं। उसके बाद भी शासन द्वारा आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य भी आशा कार्यकर्ताओं को दे दिया गया है। जबकि आशा कार्यकर्ता महज 5वी, और 8वीं पास है ऐसे में एंड्रॉयड मोबाइल से ऑनलाइन आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य नहीं कर पा रही है। उन्होंने बताया कि उनके पास एंड्रॉयड मोबाइल भी नहीं है वह कीपैड मोबाइल से कम चलाती हैं। तकनीकी जानकारी न होने के बावजूद भी उन्हें यह जिम्मेदारी सौंप गई है, जिसका निर्वहन वे नहीं कर पा रही है। इसीलिए आशा कार्यकर्ताओं की मांग है कि आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य पंचायत को दिया जाए और आशा कार्यकर्ता पंचायत के उस कार्य को सफल बनाने में पंचायत का सहयोग करेंगे। जिन्होंने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि उन्हें आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए लगातार सुपरवाइजर द्वारा दबाव दिया जा रहा है, नौकरी से निकलने की धमकियां मिल रही है जिससे वे काफी परेशान है। जिन्होंने स्पष्ट किया कि चाहे कुछ भी हो जाए वे आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य नहीं करेंगे।