इंदौर नगर निगम के डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहनों के कर्मचारियों की एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। आमजन तो दीपावली की सफाई में घरों से निकले कबाड़ को यह सोचकर डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहनकर्मियों को सौंप रहे हैं कि वे इसे कचरा ट्रांसफर स्टेशन पहुंचा देंगे।
बाद में यह कबाड़ा कचरा ट्रांसफर स्टेशन से ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंच जाएगा और इसका लाभ इंदौर नगर निगम को मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहनकर्मी लोगों के घरों से निकली अनुपयोगी वस्तुओं और कबाड़ को कचरा ट्रांसफर स्टेशन पहुंचाने के बजाय कबाड़ी की दुकान पर बेचकर अवैध कमाई कर रहे हैं।
लगातार ऐसी शिकायते मिलने के बाद निगमायुक्त ने उडनदस्ते की तैनाती कर दी ताकि ऐसी गड़बड़ी पर रोक लग सके लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हाल ही में उडनदस्ते ने डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहन से कचरा खरीदने वाले कबाड़ी के खिलाफ तो कार्रवाई करते हुए स्पाट फाइन कर दिया।
लेकिन जिस डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहनकर्मियों ने यह कबाड़ कचरा ट्रांसफर स्टेशन पहुंचाने के बजाय कबाड़ी की दुकान पर बेचा था उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इंदौर नगर निगम के अधिकारी मामले में सीसीटीवी कैमरे के फुटेज निकालकर जांच करवाने की बात कर रहे हैं।