पुलिस कमिश्नरेट में हाल ही में किए गए एक रिसर्च से पता चला है कि आत्महत्या और दुर्घटना दोनों तरह की अप्राकृतिक मौतों की 1,023 घटनाएं अनुचित जांच के कारण तार्किक निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाईं। एसीपी अमित सिंह द्वारा किए गए अध्ययन में इन मामलों से निपटने में हुई कई अनियमितताओं का पता चला है। एसीपी अमित सिंह ने बताया कि यह पाया गया कि इंदौर के पुलिस थानों में दर्ज अप्राकृतिक मौतों की 1023 घटनाओं में उचित जांच नहीं की गई। मुख्य रूप से इन मामलों में आवश्यक कार्रवाई नहीं की गई, जिसके कारण यह चूक हुई।
मामला रेकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया
उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में तार्किक निष्कर्ष यह होगा कि या तो कोई संज्ञेय अपराध किया गया है और मामला दर्ज करने की प्रक्रिया अपनाई गई है या यह पाया गया है कि कोई अपराध नहीं हुआ है। मामला रेकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया है। वहीं, प्रक्रियाओं के अनुसार, मामले को रिकॉर्ड में दर्ज करने से पहले जांच रिपोर्ट को एसडीएम को उनकी प्रतिक्रिया के लिए प्रस्तुत किया जाना चाहिए। सिंह ने कहा कि हमने पाया कि 80% मामलों में जांच रिपोर्ट एसडीएम को नहीं भेजी गई, इसलिए ये मामले हमारे रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किए गए।
गलत व्यक्ति के खिलाफ उकसाने का मामला दर्ज
उन्होंने कहा कि छह मामलों में, आत्महत्या नोट में जिम्मेदार व्यक्तियों के नाम स्पष्ट रूप से होने के बावजूद, कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। कई आकस्मिक मौतों में, परिस्थितिजन्य साक्ष्य के बावजूद जिम्मेदार ठेकेदारों या व्यक्तियों को जवाबदेह नहीं ठहराया गया। एक घटना में, गलत व्यक्ति के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया।