उत्तर कोरिया ने पनडुब्बी से किया Ballistic Missile का परीक्षण, किसी की नहीं सुन रहे हैं किम जोंग!

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उत्तर कोरिया ने एक बार फिर  बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर खलबली मचा दी है। एक पनडुब्बी से नई और छोटी बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर उत्तर कोरिया ने क्षेत्र में तनाव को फिर से बढ़ा दिया है। इससे पहले दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा था कि कि उत्तर कोरिया ने अपने पूर्वी तट से पनडुब्बी से एक बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) मिसाइल लॉन्च की है जो उत्तर कोरियाई मिसाइल परीक्षणों की आधुनिक मिसाइल है।

आधुनिक तकनीकों से है लैस

क्योडो न्यूज ने एकेडमी ऑफ डिफेंस साइंस का हवाला देते हुए बताया कि नई मिसाइल ‘फ्लैंक मोबिलिटी और ग्लाइडिंग स्किप मोबिलिटी सहित कई उन्नत और आधुनिक नियंत्रण वाली तकनीकों से लैस है।’  इस बीच, अमेरिका ने उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल के नवीनतम परीक्षण की निंदा की है। व्हाइट हाउस ने उत्तर कोरिया से “उकसाने” वाले कदमों से परहेज करने का आग्रह किया है। उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए ने कहा कि “नए प्रकार” एसएलबीएम को उसी पनडुब्बी से लॉन्च किया गया था, जिससे 2016 में एक पुराने एसएलबीएम का परीक्षण किया गया था।

अमेरिका की भी नहीं सुन रहे हैं किम

 आपको बता दें कि उत्तर कोरिया के पास पनडुब्बियों का बड़ा बेड़ा है। केसीएनए द्वारा जारी की गई तस्वीरों में दिख रहा है कि उत्तर कोरिया के पहले के एसएलबीएम डिजाइनों की तुलना में यह एक पतली, छोटी मिसाइल है जो पिछले हफ्ते प्योंगयांग में एक रक्षा प्रदर्शनी में पहली बार प्रदर्शित की गई पहले अनदेखी मॉडल हो सकती है। मिसाइल का परीक्षण ऐसे वक्त में हुआ जब कुछ घंटों पहले अमेरिका ने उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम पर कूटनीति बहाल करने की अपनी पेशकश दोहरायी।

जापान ने कही ये बात

जापान की सेना ने कहा कि उसके प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि उत्तर कोरिया ने दो बैलिस्टिक मिसाइल दागी हैं और प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि अधिकारी यह पता लगा रहे हैं कि क्या ये पनडुब्बी से दागी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल हैं। प्रक्षेपण के बाद किशिदा ने इस महीने होने वाले जापान के विधायी चुनाव के मद्देनजर अपना प्रचार अभियान बीच में रोक दिया और वह तोक्यो लौट रहे हैं। उन्होंने अपनी सरकार को उत्तर कोरिया से बढ़ते खतरे को देखते हुए देश की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की समीक्षा करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा, ‘हम मिसाइल तकनीक में उत्तर कोरिया के हाल के विकास और जापान तथा क्षेत्र की सुरक्षा पर इसके असर को हल्के में नहीं ले सकते।’

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