एक खिलाड़ी जो सिर्फ 23 टेस्ट मैच खेलकर बन गया ‘महान’ क्रिकेटर

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क्रिकेट जगत में आपने कई ऐसे खिलाड़ियों को देखा होगा जिन्होंने मैदान पर सालों बिताए, ना जाने कितने मुकाबले खेले और आंकड़ों का पहाड़ खड़ा किया..जिनके जरिए उन्हें ‘महान’ खिलाड़ियों की सूची में जगह मिली। महान डब्ल्यूजी ग्रेस से जिम लेकर तक और डॉन ब्रै़डमैन से सचिन तेंदुलकर तक..एक से एक महान खिलाड़ी हुए। लेकिन इन महान खिलाड़ियों की लिस्ट में एक खिलाड़ी ऐसा भी था जिसने सिर्फ 23 मैच खेलकर वही इज्जत हासिल कर ली। नाम था- ग्रीम पॉलक (Graeme Pollock)।

आज ही के दिन (27 फरवरी) 1944 में दक्षिण अफ्रीका के डरबन में ग्रीम पॉलक का जन्म हुआ था। एक ऐसा बाएं हाथ का खिलाड़ी जिसके परिवार में क्रिकेट बसता था, खून में था ये खेल। पिता, चाचा, तीन भाई, दोनों बेटे और एक भतीजा (शॉन पॉलक)..सभी अच्छे क्रिकेटर रहे जिन्होंने प्रोफेशनल क्रिकेट खेला। लेकिन इन सभी में ग्रीम पॉलक और उनके बाद शॉन पॉलक ही सबसे ज्यादा चर्चा में रहे। ग्रीम पॉलक अपने पहले मैच में भाई के साथ दक्षिण अफ्रीका के लिए खेले थे।

कम मैच, खूब धमाल

ग्रीम पॉलक ने दिसंबर 1963 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए अपने टेस्ट करियर का आगाज किया था। जबकि उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच सात साल बाद 1970 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही खेला। इस बीच उन्होंने सिर्फ 23 टेस्ट मैच खेले जिस दौरान उन्होंने 60.97 के शानदार औसत से खेलते हुए 2256 रन बनाए। इस बीच उनके बल्ले से 7 शतक और 11 अर्धशतक निकले।

यही नहीं, प्रथम श्रेणी क्रिकेट में भी ग्रीम पॉलक ने जमकर धमाल मचाया था। उन्होंने 262 प्रथम श्रेणी मुकाबले खेले, जिस दौरान उनके बल्ले से 54.67 की औसत से 20,940 रन निकले। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पॉलक ने 64 शतक और 99 अर्धशतक जड़े। वो दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट इतिहास के सबसे शानदार खिलाड़ियों में शुमार किए जाने लगे थे लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि अचानक करियर थम गया।

इसलिए थम गया था करियर

ये बल्लेबाज जाहिर तौर पर 23 टेस्ट मैच से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलता और आगे खूब धूम भी मचाता लेकिन दक्षिण अफ्रीका में राजनीतिक उठापटक ने क्रिकेट को इस तरह खराब किया कि उनके जैसे कई खिलाड़ियों का अंतरराष्ट्रीय करियर समाप्त हो गया।

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