एनसीएल प्रकरण स्वीकृत नही होने से किसान परेशान

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प्रदेश और केंद्र सरकार के द्वारा किसानी को लाभ का धंधा बनाने व किसानों को लाभ पहुंचाने के साथ आगे बढ़ाने की बात कही जा रही हैं। परंतु जिला स्तर पर कुछ किसानों के एनसीएल प्रकरण स्वीकृत नहीं होने से वर्तमान में किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वृत्ताकार सेवा सहकारी समिति वारासिवनी अंतर्गत ३६ किसान ऐसे किसान हैं जिन्हें वर्तमान में सोसाइटी के द्वारा ऋण के रूप में खाद्य व नकद राशि दोनों ही उपलब्ध नहीं कराई कई है। जिसके कारण उन्हें परेशानी का सामना कर सोसाइटी के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। जबकि वर्तमान में कृषि कार्य अपने अंतिम दौर में चल रहा है जिसके लिए किसानों के द्वारा जल्द उनके पूरक एनसीएल प्रकरण को स्वीकृत करने की मांग की जा रही है।
प्रति वर्ष मार्च में होता है एनसीएल
एनसीएल मतलब नेचुरल क्रेडिट लिमिट प्रतिवर्ष मार्च महीने में किसानों की कराई जाती है जिसके आधार पर उन्हें खरीफ की फसल के लिये ऋण उपलब्ध कराया जाता है। ऐसे में वारासिवनी सोसायटी अंतर्गत ११ सौ से ज्यादा किसानों का एनसीएल स्वीकृत हो गया है और उन्हें ऋण भी उपलब्ध करा दिया गया है। परंतु पूरक एनसीएल जो भेजा गया था उसके तहत ३६ किसानों के प्रकरण को वर्तमान तक स्वीकृत नहीं किया गया है जिससे उन्हें समस्या हो रही है।
किसानी कार्य अपने अंतिम दौर में
जिले में इस वर्ष मानसून समय से आने के कारण किसानी कार्य लोगों के द्वारा बहुत पहले प्रारंभ कर दिया गया था और वर्तमान में परहा लगाने का दौर जारी है। जिसमें कुछ किसानों का कार्य पूर्ण भी हो गया है और कुछ लोगों का जारी है ऐसे में ३६ किसान जिनका एनसीएल स्वीकृत नहीं हुआ है वह परेशान हो रहे हैं कि वह अब क्या करें। क्योंकि उनकी खार बड़ी हो गई है जिसका परहा लगाया जाना है परंतु डीएपी खाद व नकद राशि के रूप में ऋण नहीं मिलने से वह आगे कृषि कार्य करने में असमर्थता जाहिर कर ऋण की रास्ता देख रहे है।
किसान सोसाइटी के ऋण के लिए लगा रहे चक्कर
वृताकार सेवा सहकारी समिति अंतर्गत ३६ किसानो के जिला स्तर पर एनसीएल प्रकरण लंबित होने से उन्हें सोसाइटी के द्वारा नकद ऋण व खाद उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। जिसके कारण उन्हें रोजाना सोसाइटी आकर जानकारी लेना पड़ रहा है परंतु यहां भी उन्हें निराशा ही मिल रही है। वही पट्टा पावती भी खाद लेने के लिए लग रही है जबकि उनकी कृषि जमीन उनके माता.पिता या अन्य के नाम पर होने के कारण उन्हें समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
खाद प्राप्ति के लिये मांगा जा रहा पट्टा पावती – किसान प्रमोद
पद्मेश से चर्चा में प्रमोद मरठे ने बताया कि वह किसान हैं उनके द्वारा सोसाइटी में पंजीयन कराकर ऋण के लिए आवेदन किया गया है परंतु उन्हें ऋण उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है ना ही खाद दिया जा रहा है। जिसको लेकर अधिकारियों से चर्चा की गई तो उनके द्वारा कहा जा रहा है कि उनका एनसीएल प्रकरण स्वीकृत नहीं हुआ है। श्री मरठे ने बताया कि वह अपने किसानी कार्य के लिए खाद भी मांग रहे हैं तो सोसाइटी के द्वारा पट्टा पावती मांगा जा रहा है जो उनके नाम पर नहीं है। ऐसे में यदि समय से उनका प्रकरण स्वीकृत नहीं होगा तो आगे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
पूरक एनसीएल बनाकर भेजा गया है – प्रबंधक महेश पंचेश्वर
पद्मेश से चर्चा में सोसाइटी प्रबंधक महेश पंचेश्वर ने बताया कि सोसायटी के द्वारा ३६ किसानों का पूरक एनसीएल बनाकर बैंक में जमा कर दिया गया था जिन्होंने जिले में भेज दिया है। जिसके लिए संबंधित अधिकारियों से चर्चा की जा रही है।
शीघ्र ही मिल जायेगा छूटे हुये किसानों को ऋण – विजय मिश्रा
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बालाघाट शाखा वारासिवनी प्रबंधक विजय मिश्रा ने पदमेश से चर्चा में बताया कि मार्च में प्रकरण जिले में भेजे जाते हैं और उसके बाद जो छूट जाते हैं उन्हें सप्लीमेंट्री के रूप में भेजा जाता है। ऐसे सभी सोसाइटी के सप्लीमेंट्री प्रकरण भेजे गए हैं जिसमे जानकारी मिली है कि वारासिवनी के सभी प्रकरण स्वीकृत हो गए हैं पत्र मिलते ही ऋण उपलब्ध करा दिया जाएगा।

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