देश में इन दिनों ऑक्सीजन को लेकर अकाल मचा हुआ है। राज्य सरकार एक-दूसरे के बीच सप्लाई रोकने का आरोप लगा रहे हैं। इन सब के बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने भी सख्त टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि आक्सीजन की आपूर्ति को केंद्र या राज्य सरकार से लेकर किसी स्थानीय अधिकारी ने रोकने का प्रयास किया तो उसे फांसी पर लटका देंगे। दिल्ली न्यायालय ने निजी अस्पतालों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कहीं।
केंद्र से पूछा आवंटित ऑक्सीजन कब आएगी
अदालत ने केजरीवाल सरकार से कहा कि अगर आपूर्ति बाधित करने का कोई वाकया है तो बताएं, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार आपूर्ति रोकने वाले अधिकारी की जानकारी केंद्र को दे, ताकि वह उसके खिलाफ कार्रवाई कर सके। साथ ही, पीठ ने केंद्र सरकार से पूछा कि दिल्ली के लिए आवंटित प्रतिदिन 480 टन ऑक्सीजन कब आएगी। मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी। अवकाश के दिन करीब साढ़े तीन घंटे की विशेष सुनवाई करते हुए जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि यह तथ्य सामने आया है कि दिल्ली को आवंटित ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो रही है।
ऑक्सीजन री-फिलर्स करने का निर्देश
याचिकाकर्ता अस्पताल कुछ समय में ऑक्सीजन खत्म होने की बात कर रहे हैं। ऐसे में आप सरकार ऑक्सीजन उपलब्ध होने पर तत्काल आपूर्ति सुनिश्चित कराए। पीठ ने ऑक्सीजन के आपूर्तिकर्ताओं और री-फिलर्स को निर्देश दिया कि वे दिल्ली सरकार के नोडल अधिकारी को राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में उनके द्वारा की गई आपूर्ति का विवरण दें। इसमें यह भी बताया जाना चाहिए कि किस अस्पताल को कितनी आक्सीजन दी की गई और आगे कब की जाएगी। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि ऑक्सीजन वितरण की निगरानी के लिए गठित की गई दस आइएएस और 28 राज्यस्तरीय अधिकारियों की नई टीम की जानकारी सभी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम से साझा करें। अदालत ने दिल्ली सरकार ने अपना आक्सीजन प्लांट लगाने को भी कहा है।