कांग्रेस सांसदो को निलंबित करने के खिलाफ कांग्रेस ने दियाकाली पुतली चौक में धरना

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सदन की अवमानना को लेकर निलंबित किए गए 143 सांसदों के निलंबन को लेकर कांग्रेस ने 22 दिसंबर को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आव्हान पर जिला कांग्रेस कमेटी और शहर कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वाधान में धरना प्रदर्शन किया।
इस धरना प्रदर्शन में संख्या में कमी के बावजूद कांग्रेसियों में जोश दिखाई दिया। कांग्रेस संगठन मंत्री शफकत खान ने कहा कि कि देश की संसद में सुरक्षा में चूक को लेकर गृहमंत्री से लोकसभा और राज्यसभा में जवाब मांग रहे कांग्रेस और अन्य पार्टी के सांसदों को निलंबित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि देश की संसद में जो घटनाक्रम सामने आया है, वह देश के नौजवानों द्वारा सरकार को जगाने का काम है। जिसका कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टी के सांसद जवाब मांग रहे थे लेकिन गृहमंत्री द्वारा जवाब ना देकर संसद की अवमानना को लेकर निष्कासित कर दिया गया। जिससे साफ है कि देश की मोदी सरकार जवाब से भाग रही है। जिसे जनता के बीच लाने के लिए कांग्रेस ने यह धरना प्रदर्शन किया था। ताकि मोदी सरकार की वास्तविकता से जनता जागरूक हो सके।
शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष श्याम पंजवानी ने कहा कि देश के सांसद से इतनी बड़ी संख्या में सांसदो केा निलंबित कर मोदी सरकार ने सदन की गरिमा को खत्म करने का काम किया है। जिसके खिलाफ आज पूरे देश में कांग्रेस सड़क पर उतरकर इसकी खिलाफत कर रही है। 2024 में फिर लोकसभा चुनाव होना है और ऐसी सरकार को नहीं रोका तो फिर देश को भगवान भी नहीं बचा सकते है। जब सरकार जनता द्वारा निर्वाचित किए गए सांसदों को नहीं छोड़ रही है तो आम जनता का क्या होगा। रोजगार देने और महंगाइ कम करने का झूठ बोलकर सरकार पर अब जनता का विश्वास खत्म होता जा रहा है। बालाघाट विधानसभा में लाखों वोटने से जीतने वाली कांग्रेस के धरना प्रदर्शन में शहर के कई बड़े कांग्रेसी चेहरों की उपस्थिति नहीं होना, चर्चा का विषय रही, वहीं धरना प्रदर्शन में लगाई गई चंद कुर्सियां भी नहीं भर सकी। बावजूद इसके कांग्रेस ने सांसदो के निलंबन की आवाज को दमदारी के साथ उठाया।

नहीं जुटा पाए कांग्रेसी भीड़-

जिस प्रकार से कांग्रेसियों द्वारा कालीपुतली चौक में धरना प्रदर्शन किया जा रहा था, किंतु जिस प्रकार से धरना प्रदर्शन के दौरान भीड़ रहना चाये वह भीड़ कालीपुतली चौक में नजर नहीं आ रही थी, स्वयं कांग्रेसी ही धरने को संबोधित कर रहे थे , और सुनने के लिए ना ही लोगों का हुजूम था और ना ही धरना के समय लोगों का जमावड़ा तक नही था महज ही कुछ कांग्रेसी द्वारा धरना प्रदर्शन कर ,कुछ घंटे तक कालीपुतली चौक में धरना दिया गया एवं उसके बाद सभी ने अपनी-अपनी बात रखते हुए धरने को समाप्त कर दिया गया, किंतु जिस प्रकार से धरना प्रदर्शन में भीड़ एवं लोगों का जमावड़ा रहता है वह कांग्रेसी जुटा नहीं पाए

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