सोमवार को वन्य अधिकारियों कर्मचारियों ने दक्षिण बैहर के सरही परिक्षेत्र स्थित सौंफ मैदान से 09 बारासिंघा (02 नर एवं 07 मादा) को सफलता पूर्वक केप्चर कर उन्हें सतपुड़ा टायगर रिजर्व की ओर रवाना किया। इस पूरे केप्चर प्रक्रिया का नेतृत्व सुनील कुमार सिंह, क्षेत्र संचालक, कान्हा टायगर रिजर्व द्वारा किया गया। केप्चर आपरेशन के दौरान पुनीत गोयल, उप संचालक (कोर), डाॅ. संदीप अग्रवाल, वन्यप्राणी चिकित्सक एवं उनका रेस्क्यू दल सहित कान्हा टायगर रिजर्व के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा भाग लिया गया।
एक दिन पूर्व निरीक्षण कर कैप्चर की बनाई थी रणनीति
आपको बताए कि इसके पूर्व कान्हा से सतपुडा टा. रि. में 106 (22 नर एवं 74 मादा, 10 बच्चे) बारासिंघा स्थानांतरित किये गये है। राज्य पशु बारासिंघा के सतपुडा टायगर रिजर्व में ट्रांसलोकेशन हेतु भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा अनुमति दी गई थी। जिसपर एक दिन पूर्व 31मार्च को समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने विषय विशेषज्ञों के साथ बारासिंघा केप्चर हेतु विशेष रूप से निर्मित बोमा का निरीक्षण कर बारासिंघा केप्चर की रणनीति तैयार की थी।जिसके उपरांत आज सोमवार को प्रातः 8 बजे से केप्चर प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई प्रातः लगभग 10ः30 बजे तक बारासिंघा केप्चर की प्रक्रिया पूर्ण की गई एवं बारासिंघा को विशेष रूप से निर्मित वन्यप्राणी परिवहन ट्रक में सतपुडा टायगर रिजर्व की ओर रेस्क्यू दल की देखरेख में रवाना किया गया।
बारासिंघा की करीब 948 बताई जा रही जनसंख्या
आपको बताएं कि प्रदेश में बारहसिंगा की संख्या
बढ़ाने के उद्वेश्य से पिछले कुछ वर्षों में वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल में 7 एवं बांधवगढ़ टायगर रिजर्व में 48 मध्य भारतीय हार्ड ग्राउण्ड बारासिंघा को सफलतापूर्वक स्थानांतरण किया जा चुका है। कान्हा में सत्तर के दशक में मात्र 66 बारासिंघा बचे थे, कान्हा प्रबंधन द्वारा बेहतर संरक्षण के चलते अब कान्हा में इनकी संख्या लगभग 948 तक हो गयी है।