वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत कासपुर से आखरटोला मार्ग की स्थिति खस्ता हाल हो गई है। जहां पर लोगों को आवागमन करने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो कई बार दुर्घटनाग्रस्त भी होना पड़ता है। जिसको लेकर ग्रामीणों के द्वारा ग्राम पंचायत ,जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत से अनेकों बार मार्ग निर्माण को लेकर ज्ञापन भी दिया जा चुका है। परंतु वर्तमान तक मार्ग के सुधार के लिए भी कोई कार्य नहीं किया जा सका है जिसके कारण मार्ग पर वाहनों से चलना दुर्भर हो गया है। इस दौरान काफ ी परेशानियों का सामना हर किसी को उठाना पड़ रहा है ,जिसको लेकर राहगीरों एवं ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। जबकि यह मार्ग करीब आधा दर्जन ग्राम पंचायत को जोड़ता है ,जहां के लोग इसी मार्ग का उपयोग कर वारासिवनी मुख्यालय पहुंच पाते हैं। जिनके द्वारा पक्के मार्ग का निर्माण करने की मांग की जा रही है ताकि लोगों को सुविधा पूर्वक आवागमन बिना किसी दुर्घटना के करना पड़े।
गढ्डों से पटा मार्ग लोग परेशान
ग्राम पंचायत कासपुर के वार्ड नंबर १७ और १८ के मध्य में यह मार्ग स्थित है जो बस्ती से कालागोटा ,मंगेझरी तक जाता है और उसके आगे यह केरा ,भांडी ,पिपरिया सहित अन्य ग्रामों के लिए भी सीधा निकलता है। तो वही मंगेझरी वालों के लिए यह मार्ग एक बाईपास के रूप में होता है जहां से ग्रामीणजन वारासिवनी मुख्यालय जाने के लिए या क्षेत्र के लोग इस मार्ग का उपयोग करते हैं। जबकि वर्तमान में इस मार्ग में बहुत ज्यादा गड्ढे हो गए हैं ,जिससे वाहन अनियंत्रित होने का डर बना रहता है। तो वहीं मार्ग पर स्थित तालाब की रैंप के कारण आधा मार्ग कट चुका है। वहीं बरसात के दौरान इस मार्ग की बहुत ज्यादा दुर्दशा हो जाती है जो चलने लायक भी नहीं रह पाता है। जिसका उदाहरण बीती बरसात में देखने को मिला था ऐसे में मंगेझरी कालागोटा के लोग ५ किलोमीटर से अधिक का फेरा काटकर दूसरे मार्ग से मुख्यालय पहुंच रहे थे। तो वहीं विद्यार्थियों का स्कूल बंद हो गया था आंगनवाड़ी में बच्चो को लाना भी बहुत मुश्किल होने लगा था। इस मार्ग पर लोगों की खेती भी स्थित है जहां ट्रैक्टर या अन्य वाहनों से आवागमन करने में समस्या होती रहती है। ऐसी स्थिति दोबारा ना हो इसे देखते हुए ग्रामीणों के द्वारा मार्ग के निर्माण की मांग शासन प्रशासन से की जा रही है।
दुर्घटना होने का हमेशा बना रहता है डर
इस मार्ग का सबसे ज्यादा उपयोग छात्र छात्राओं के द्वारा किया जाता है जो मंगेझरी के समीपस्थ टोल एवं अन्य ग्राम के विद्यार्थी रोजाना आलेझरी हाई स्कूल जाने के लिए करते हैं। जो रास्ता उन्हें सीधा स्कूल तक ले जाता है ,उसके बाद ग्रामीणजन वारासिवनी मुख्यालय के लिए करते है। वहीं क्षेत्र के लोग बाईपास के रूप में भांडी और पिपरिया के लिए इसी मार्ग से मोटर साइकिल के माध्यम से आना जाना करते हैं। इस परिस्थिति में अनेकों बार दुर्घटनाएं घटित हो जाती है छात्र छात्राओं राहगीर एवं ग्रामीणों को घायल होना पड़ता है । परंतु सबसे ज्यादा समस्या रात्रि के समय होती है कि रोड़ में गड्ढे समझ नहीं आते हैं ,तालाब के पास रोड़ काटने से बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है। जिसको देखते हुए सभी के द्वारा मार्ग को भले पक्का निर्माण तो नहीं किंतु आवागमन हेतु सुविधा बनाए जाने की बात कहीं जा रही है। इस पर पंचायत के द्वारा भी पूर्व बरसात में दलदल जैसी सडक़ होने पर सूखे समय आने पर निर्माण की बात कही गई थी परंतु वर्तमान तक कोई कार्य स्पष्ट देखा नहीं जा रहा है।
मार्ग की जर्जर हालत के कारण स्कुल जाने में बहुत परेशानी होती है-सत्यम कटरे
छात्र सत्यम कटरे ने बताया कि हम इस मार्ग से स्कूल आना जाना करते हैं जिसमें बहुत ज्यादा दिक्कत हमें होती रहती है। बरसात के समय तो यहां से आना जाना बंद हो जाता है यह मार्ग सीधा मंगेझरी ,कालागोटा तक जाता है हम प्रतिदिन आलेझरी स्कूल इसी मार्ग से जाते हैं। जिसमें धूल और गढ्ढो के कारण बहुत परेशानी होती है हम चाहते हैं कि यह रोड़ बनना चाहिए।
रोड़ कम और गड्ढे ज्यादा दिखाई देता है-आर्यन बिसेन
छात्र आर्यन बिसेन ने बताया कि यहां पर रोड़ कम गड्ढे ज्यादा है बारिश में पानी भर जाता है और अभी आवागमन में समस्या हो रही है। धूल के बहुत ज्यादा गुब्बारे उड़ रहे हैं चलना बहुत ज्यादा मुश्किल हो गया है। यहां जो एक छोटा सा तालाब है जिसे टाकी बोलते है उसके पास में रोड़ कट गया है। दुर्घटना होने की पूरी संभावनाएं बनी हुई है मार्ग में बहुत ज्यादा गड्ढे हैं कभी भी हादसे हो सकते हैं और होते रहते हैं। हम स्कूल आना जाना करते हैं तो हमारे कपड़े बरसात में कीचड़ से अभी धूल के कारण से खराब हो रहे हैं।
ग्रामीणों सहित अन्य लोगो का पैदल चलना भी दुभर हो जाता है-कमलेश बागड़े
ग्रामीण कमलेश बागड़े ने बताया कि यह मार्ग आखरटोला रोड़ है अभी पूरा उबड़ खाबड़ रोड़ है बरसात में दलदल कीचड़ होता है। यहां से आना जाना बहुत ही मुश्किल से होता है सबसे ज्यादा समस्या स्कूल के बच्चों को होती है क्योंकि वह जा नहीं पाते हैं। धूल के इतने ज्यादा गुब्बारे उड़ते हैं किसी भी वाहन के जाने पर कि सामने कुछ नजर नहीं आता है। यह रोड़ सीधा भांडी ,पिपरिया ,मंगेझरी यहीं से जाता है। २ वर्ष से इस रोड़ की स्थिति खराब है परंतु आज तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। कृषि कार्य करने के लिए लोग ट्रैक्टर और बैलगाड़ी से बड़ी मुश्किल से जाते है वरना वह पैदल जा रहे हैं क्योंकि गड्ढे बहुत है।
इस मार्ग से पैदल चलना भी दुभर हो गया है- महात्मा हनवत
ग्रामीण महात्मा हनवत ने बताया कि वार्ड नंबर १७ से १८ का रोड़ है कई वर्षों से हमारे द्वारा जिला पंचायत और ग्राम पंचायत को अवगत कराया जा चुका है पर रोड़ आज तक नहीं बना है। प्रशासन को भी अवगत करवाया था परंतु हुआ है पर कुछ नहीं हुआ बरसात में चलना दुर्भर हो जाता है। स्कूल और आंगनबाड़ी के बच्चे यहीं से रोजाना आना जाना करते हैं अभी सूखा समय है तो हम चाहते हैं की प्रशासन किसी भी मद से इसे बनाए या पंचायत इसमें व्यवस्था करें। क्योंकि लोग अभी भी परेशान हो रहे हैं ,खेती किसानी का काम चल रहा है ट्रैक्टर बैलगाड़ी बराबर आना जाना नहीं कर पाते हैं दुर्घटना होती रहती है। लोग गिरते हैं और परेशान होते हैं प्रशासन या पंचायत अपनी किसी निधि से बनायें क्योंकि ग्राम के बच्चों यहाँ से स्कूल जाते हैं । कालागोटा और मंगेझरी के मजदूर भी यहीं से आधी रात में आना जाना करते हैं। कई प्रकार की समस्याएं हैं रोड़ बनना चाहिए।
इनका कहना है
दूरभाष पर चर्चा में बताया कि यह मार्ग निर्माण करने जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत में प्रस्ताव बनाकर दिया गया है। परंतु उसे पर कोई स्वीकृति नहीं दी गई है और इसके लिए हम लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं कि कहीं से भी यह रोड़ प्राप्त हो जाए। जिससे कि लोगों को आवागमन करने में सुविधा हो यह रोड़ बहुत लंबा है जो पंचायत के माध्यम से नहीं बना सकते हैं। इसके पहले अभी जो सीमेंट रोड़ है वह पंचायत ने बनाया था अभी फि र जितना होगा उतना लंबा सीमेंट का मार्ग बनाने का प्रयास है।