कोरोना की दूसरी लहर से इनकम घटी और खर्च बढ़ा, 79% लोगों को आगे भी कम आमदनी की आशंका

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कोरोना ने हर वर्ग के लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है। महंगे हो रहे पेट्रोल-डीजल से लोगों की आय और बचत में कमी हो रही है, जिससे कारण घर का बजट भी बिगड़ता नजर आ रहा है। अप्रैल और मई में देश के कई हिस्सों में लगे लॉकडाउन ने और भी चिंता में डाल दिया है। कोविड महामारी की दूसरी लहर और महंगाई का इनकम और खर्च पर बुरा असर पड़ा है। ऐसे में भारत में कोविड महामारी की दूसरी लहर ने परिवारों में डर का महौल बना दिया।

लोकल सर्कल्स ने ‘मूड ऑफ द कंज्यूमर 2021’ के नाम से एक सर्वे किया है…

सर्वे के मुताबिक 47% लोगों को अब घरेलू बजट में पिछले 6 से 12 महीनों में अनिश्चितता की उम्मीद है, 79% लोग इनकम में गिरावट देख रहे हैं, वहीं 49% का मानना ​​है कि उनकी बचत में इस साल गिरावट आएगी। इस सर्वे में 382 ​​जिलों से 38,632 प्रतिक्रियाएं मिली थीं।

लोगों का क्या कहना है 65% परिवारों कहना है कि, उन्होंने दिसंबर से फरवरी की तुलना में इस साल सब्जियों के लिए 25-100% तक ज्यादा कीमत चुकाई है। राज्यों की कई सब्जी मंडियों में लॉकडाउन की वजह से तालाबंदी और प्रतिबंध था। इसके बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। सर्वे के अनुसार खाद्य तेल, साबुन, शैम्पू जैसे सामानों की कीमतों में 4-20% की बढ़ोतरी हुई है। सर्वे में भाग लेने वाले का लोगों का कहना था कि सरकार पेट्रोल और डीजल पर 20% तक शुल्क कम करे।

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