कोविड मौत के आंकड़े पर फिर भ्रम,स्वास्थ्य विभाग बता रहा अब तक जिले में कोविड से 70 लोगों की मौत !

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कोरोना संक्रमण महामारी में हर किसी ने अपने परिचित या परिजन को खोया। लेकिन शासन के आंकड़े और उसके मापदंड के अनुसार मृतकों को पॉजिटिव बताना उसके लिए जरूरी कागजात उपलब्ध कराना किसी बड़ी परेशानी से कम नहीं है। नतीजा जिले के भीतर मृतकों के आंकड़ों को देखकर आप स्वयं अंदाज लगा सकते हैं।

स्वास्थ्य विभाग योजना नए पॉजिटिव मरीज के मिलने पुराने मरीजों के डिस्चार्ज होने और वर्तमान समय में कितने मरीजों का इलाज जिले के भीतर चल रहा है इसकी जानकारी देने के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से कोरोनावायरस जारी करता है जिसमें कोविड से मृतकों की संख्या महज 70 बताई जाती है।

यह सवाल हम यहां इसलिए उठा रहे हैं या फिर इस खबर को देखने के बाद आपके मन में यह सवाल बार-बार इसलिए उठेगा क्योंकि शासन के दूसरे आदेश या कहीं योजना में कोविड से मृतकों किस संख्या में बहुत अधिक अंतर दिखाई देता है।

शासन द्वारा बीते महीने कोविड से मृतको के परिजनों को राहत देने के लिए 50 हजार की अनुग्रह राशि देने का फैसला लिया गया इस दौरान बकायदा एक फॉर्म जारी किया गया जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया कि यदि किसी परिजन के पास कोविड पॉजिटिव की रिपोर्ट नहीं है तो वह सिटी स्क्रीन या अन्य ऐसे दस्तावेज जिसमें इस बात का उल्लेख हो रहा हो तो अमुक व्यक्ति की मौत कोरोना पॉजिटिव होने से हुई है। लेकिन राहत साहब के आंकड़े पर नजर दौड़ाई जाए तो यह आंकड़ा कहता है कि जिले के भीतर अब तक स्वास्थ्य विभाग के उन 70 लोगों को छोड़कर 561 और लोगों की मौत कोरोना की वजह से हुई है।

इस विषय पर जब हमने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज पांडे से चर्चा की तो उन्होंने नियम का हवाला देते हुए यही कहा कि जिन की मौत जिला अस्पताल में हुई है उनके नाम मौत की सूची में दर्ज किए गए हैं उनकी संख्या 70 है शासन का मुआवजा देने का मापदंड अलग है। उसके आधार पर 50 हजार मुआवजा दिया जा रहा है।

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