वारासिवनी अंतर्गत ग्राम पंचायत सिकंदरा एवं कोस्ते को जोड़ने वाले नाले पर बने पुलिया की रेलिंग पूरी तरह टूट चुकी है। वही पुलिया के पास में टर्निंग है जिससे बड़े हादसे घटित होने की संभावना बनी हुई है। जिस पर जिम्मेदारों के द्वारा किसी प्रकार से ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिसका खामियाजा आम जनता को सड़क दुर्घटना में चोटिल होकर भुगतना पड़ रहा है। वर्तमान में किसी प्रकार का गंभीर हादसा घटित नहीं हुआ है परंतु पूर्व में उक्त पुलिया पर गंभीर हादसे घटित हो चुके हैं वहीं वर्तमान में भी राहगीरों के साथ दुर्घटना घटित होने की प्रबल संभावनाएं बनी हुई है। यह पुलिया वारासिवनी से गोंदिया को जोड़ने वाले मार्ग पर मुख्यालय से महज कुछ दूरी पर बना हुआ है जिसमें आम इंसान की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जरूरी कार्य करवाने की मांग राहगीरों के द्वारा की जा रही है जिससे कि हर व्यक्ति भय मुक्त होकर आवागमन कर सके।
टर्निंग के पास में बना है पुलिया
यहां यह बताना लाजिमी है कि ग्राम पंचायत सिकंदरा और कोसते के मध्य बहाने वाले नहले पर बना पुलिया की रेलिंग निकल गई है इस पुलिया के आगे कोसते की ओर टर्निंग बनी हुई है तो वही पुलिया के पहले बड़ा ढलान है। ऐसे में कोई भी वहां ढलान में आते ही दोगुनी स्पीड में हो जाता है और आगे टर्निंग पड़ती है कई बार मोटरसाइकिल वह चार पहिया वाहन चालक बाल बाल बचते हैं तो वही मोटरसाइकिल चालक दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं। इस परिस्थिति में पुलिया पर से आवागमन करना सुरक्षित महसूस नहीं हो रहा है क्योंकि बड़े वाहन आने पर पुलिया किनारे सुरक्षित खड़े रहने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है जहां पर यदि व्यक्ति अपना बैलेंस होता है तो वाहन के सामने गिरेगा या पुल के नीचे नाले में दोनों स्थिति में दुर्घटना निश्चित है। क्योंकि सामने से कोई भी वहां आने पर पल पर गाड़ी को किनारे कर रोकना पड़ता है।
पहले भी हो चुके हैं गंभीर हादसे
गैरतलब है कि यह पुलिया वर्षों पुराना है जिसकी रेलिंग क्षतिग्रस्त हुए कुछ वर्ष बीत चुके हैं परंतु उसका सुधार कार्य नहीं करवाया गया है। इसी कारण से कुछ वर्ष पहले एक चार पहिया वाहन अनियंत्रित होकर नाले में गिर गया था जिसमें पास की राइस मिल में कार्यरत मजदूरों के द्वारा वाहन सवार लोगों की जान बचाई गई थी इसी प्रकार कई बार मोटरसाइकिल और अन्य वाहन भी नाले में उतर चुके हैं। यदि रेलिंग का निर्माण कर दिया जाएगा तो अनियंत्रित वाहन नाले में उतरने से बच जाएगा। इस मार्ग पर साकडी पुल व बटरमारा पुल बनने से यातायात का दबाव बढ़ा है।
मार्ग पर दो गुना हो गया है यातायात
यह मार्ग पहले वारासिवनी से डोंगरमाली बेनी साकडी तक जाता था परंतु साकडी एवं पुनि की नदी पर उच्च स्तरीय पुल बन जाने के कारण यह मार्ग से सीधे गोंदिया और दूसरे मार्ग से सीधे रजेगांव मार्ग पर निकलते हैं। इस कारण लोगों को कम दूरी भी तय करना होता है और करीब का रास्ता पड़ता है ऐसे में पूरा यातायात बालाघाट से डायवर्ड होकर इस मार्ग पर आ गया है। जहां से ट्रक ट्रैक्टर डंपर पिकअप यात्री वाहन मोटरसाइकिल सहित बड़े छोटे हजारों वाहन रोजाना आना-जाना करते हैं जिस पर यातायात का दबाव काफी बना हुआ है। वहीं इस मार्ग पर दर्जनों ग्राम स्थित है जहाँ के ग्रामीण रोजाना वारासिवनी मुख्यालय के लिए इस मार्ग का उपयोग करते हैं ऐसी स्थिति में कई बार हादसे घटित हो जाते हैं। जिसमें लोगों को गंभीर चोट या मृत्यु के द्वारा तक जाना पड़ रहा है ऐसे में इस प्रकार की अनदेखी और अव्यवस्था लोगों के जीवन के लिए घातक साबित हो सकती है।
राहगीर अनुरसिंह उइके ने बताया कि यह मार्ग उनके रोजाना वारासिवनी आवागमन का प्रमुख मार्ग है जिसके माध्यम से वह अपने कार्यों के लिए रोज आना-जाना करते हैं। जिस पर यह कोसते और सिकंदरा ग्राम के बीच में नाला पड़ता है जहां पर पानी भरा रहता है और अभी गर्मी के कारण सूख गया है इसके ऊपर दोनों तरफ रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गई है। जहां पर आवागमन कर रहे लोगों के लिए खतरा बना हुआ है हम जैसे लोग रात्रि में भी आना-जाना करते हैं साइकिल मोटरसाइकिल से तो इस पुलिया पर हमें समस्या बनी रहती है यह डोंगरमाली मार्ग है जिस पर आवागमन बढ़ गया है। साकडी और बटरमारा पुलिया बनने के बाद ऐसे में रेलिंग विभाग को बनानी चाहिए क्योंकि किनारे खड़ा व्यक्ति कभी भी अनियंत्रित हो सकता है जिससे वह दुर्घटना का शिकार होने की संभावना है।
ग्रामीण सुरेश चौधरी ने बताया कि यह पुलिया ठीक है परंतु इसकी रेलिंग जो जनता की सुरक्षा के लिए पुलिया के दोनों तरफ लोहे के पाइप के माध्यम से लगाई गई थी। वह बहुत ज्यादा क्षतिग्रस्त हो गई है और कुछ जगह रेलिंग चोरी भी हो गई है यह असामाजिक तत्वों का काम है जिनके द्वारा रैलिंग के पाइप चोरी कर लिए गए हैं और लोहे के एंगल भी उखाड़ लिए गए हैं। जबकि यह पुलिया पर व्यक्ति तेज गति से निकलता है और आगे टर्निंग है पूर्व में यहां पर हादसे हो चुके हैं जो और होने की संभावना लगी हुई है क्योंकि अंधेरे में रात्रि के समय समझ नहीं आता है पुलिया कितना चौड़ा है और रेलिंग नहीं होने से हमें समस्या है। क्योंकि इस मार्ग पर छोटे-बड़े सभी प्रकार के वहां हर समय आते जाते रहते हैं सामने राइस मिल है वहां से भी बड़े ट्रक खड़े रहते हैं उक्त स्थान पर वाजिब समस्या बनी हुई है जिस पर विभाग को ध्यान देना चाहिए।
ग्रामीण तोपलाल पटले ने बताया कि वह ग्राम कोस्ते के रहने वाले हैं प्रतिदिन इस मार्ग से वारासिवनी अपने काम के लिए आना-जाना करते हैं। इस दौरान वह टर्निंग से इस पुलिया को बहुत कम गति में वाहन चलाकर क्रॉस करते हैं क्योंकि यह मार्ग सीधे महाराष्ट्र से जुड़ गया है। जिस कारण से भारी वाहनों की लगातार आवाज आई बढ़ गई है छोटे-बड़े वाहन भी तेज गति से निकलते हैं पुलिया पर दोनों साइड रेलिंग उखड़ गई है किनारे मोटरसाइकिल खड़े करने में डर लगता है। क्योंकि कोई भी बड़ा वाहन आता है तो सामने टर्निंग के समय दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है और हाथ पकड़ने के लिए भी पुलिया पर कुछ नहीं है जबकि विभाग को ऐसे स्थान पर पर्याप्त व्यवस्था करनी चाहिए। इस मार्ग पर पहले भी बड़ी दुर्घटनाएं हो गई है और आगे भी होने की संभावना है विभाग को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।