किसानों को उनकी फसलों का वाजिब दाम दिलाने और उन्हें बिचौलियों से बचने के लिए शासन द्वारा प्रतिवर्ष समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी की जाती है। जहां प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी शासन द्वारा 1 दिसंबर से धान उपार्जन का कार्य शुरू किया गया है। जिसके लिए जिले में 185 धान उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 1लाख 17 हजार 596 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है जिसमें से 30035 कृषकों ने समर्थन मूल्य पर अपनी धान शासन को बची है। लेकिन धान बेचे लंबा समय बीत जाने के बावजूद भी किसानों को समय पर धान का भुगतान नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते किसान काफी परेशान है और वे भुगतान की रहा तक रहे हैं। वही समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान के परिवहन के भी बुरे हाल हैं। जहां धान का परिवहन ना होने के चलते खरीदी गई धान का विभिन्न केंद्रों में अंबार लग चुका है। तो वहीं धान खरीदने के लिए खरीदी केंद्रों पर जगह तक नहीं बची है। जिसके चलते किसानों और केंद्र प्रभारियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अब मंगलवार को शुरू होगी धान खरीदी
जिले के विभिन्न धान खरीदी केंद्रों पर धान खरीदी का कार्य 03 दिनो के लिए बंद कर दिया गया है। जहां शासकीय अवकाश होने के चलते शनिवार को जिले के 185 धान उपार्जन केंद्रों में से किसी भी धान खरीदी केंद्र में किसानों से धान नहीं खरीदी गई। जिसके चलते केंद्र में पहले से उपार्जन लेकर पहुंचे किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और वे केंद्रों पर धान की जगवाली करने के लिए मजबूर है। वही आज शनिवार की तरह कल रविवार को अवकाश होने के चलते धान खरीदी केंद्र बंद रहेंगे, तो वहीं सोमवार को क्रिसमस पर्व होने के चलते स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है जिसके कारण सोमवार को भी धान खरीदी केंद्रो में धान की खरीदी बंद रहेगी। और जिले के सभी केंद्रों में मंगलवार से पुनः समर्थन मूल्य प्रदान की खरीदी शुरू की जाएगी।
बेरोजगार हो गए हमाल
तीन दिनों तक धान खरीदी केंद्र बंद होने के चलते जिले के 185 धान खरीदी केंद्रों में लोडिंग, अनलोडिंग, तौल काटा, सिलाई आदि का कार्य करने वाले हमाल अब तीन दिनों के लिए बेरोजगार हो गए हैं। जहां खरीदी कार्य बंद होने के चलते उन्हें केंद्रों में काम नहीं मिल पा रहा है। जिन्होंने अपनी नाराजगी जताते हुए छुट्टी के दिन भी उन्हें कुछ ना कुछ कार्य देकर उन्हें मजदूरी का भुगतान किए जाने की मांग की है।
लगभग 400 करोड़ का खरीदा गया धान पेमेंट महज 18 करोड़
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के 185 धान खरीदी केंद्रों में 1लाख 17 हजार 596 पंजीकृत किसानों में से अब तक धान बिक्री के लिए 57 हजार 079 किसानों ने स्लॉट बुक कराया है। वहीं अब तक इन किसानों में से 14 लाख 27 हजार 818 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। जहां शासन द्वारा 311 करोड़ 69 लाख रुपए की किसानों से खरीदी गई है। लेकिन बात अगर धान के भुगतान की करें तो उम्मीद के मुताबिक शासन द्वारा किसानों से खरीदी गई धान का भुगतान नहीं किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि 311 करोड़ 69 लाख रुपए की धान खरीदने के एवज अब तक महज 24 करोड रुपए का एपीओ जारी किया गया है। लेकिन अब तक सिर्फ18 करोड रुपए का पेमेंट किसानों के खाते में डाला गया है। जबकि कई किसान अब भी भुगतान की रहा तक रहे हैं।
07 दिनों में भुगतान का बनाया गया है नियम
बात अगर धान के भुगतान की करें तो नियम के मुताबिक विभिन्न धान खरीदी केंद्रों में धान बेचने के 7 दिनों के भीतर किसानों को उनके खाते में धान का भुगतान किए जाने का नियम बनाया गया है। लेकिन इस नियम के मुताबिक किसानों को भुगतान नहीं हो रहा है ।जिसकी असली वजह खरीदी गई धान का परिवहन ना होना बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार केंद्र द्वारा किसानों की धान खरीदने के 72 घंटे के भीतर केंद्र से धान का परिवहन होने का नियम है। लेकिन इस नियम को ताक में रखा जा रहा है। जहां परिवहन की लचर व्यवस्था होने के चलते समय पर धान का परिवहन नहीं हो पा रहा है और विभिन्न धान खरीदी केंद्रों पर खरीदी गई धान का अंबार लग चुका है और केंद्रों पर धान खरीदने की जगह तक नहीं बची है। बताया जा रहा है कि जब तक धान का परिवहन होकर उस किसान के नाम की एंट्री पोर्टल पर नहीं हो जाती, तब तक किसानों को धान का भुगतान नहीं किया जाता। ऐसे में कई दिन तक धान का परिवहन ना होने से किसानों की एंट्री पोर्टल पर नहीं हो पा रही है जिसके चलते उन्हें समय पर भुगतान प्राप्त नहीं हो रहा है ।