प्रधानपाठक, उच्च माध्यमिक शिक्षक और व्याख्याता ये ऐसे नाम है जिनके कंधों पर बच्चों की शिक्षा का पूरा दारोमदार टिका होता . वहीं स्कूली बच्चे भी इनकी दी गई शिक्षा ग्रहण कर अपना भविष्य संवारने के सपने सजाते हैं.लेकिन जिले में कुछ ऐसे प्रधान पाठक, उच्च माध्यमिक शिक्षक और व्याख्याता है जो अच्छी पढ़ाई कराकर बच्चों का भविष्य सवारना तो दूर की बात, स्वयं परीक्षा में पास होने के काबिल भी नहीं है. जो 90 अंक के पेपर में पासिंग मार्क 25 नंबर भी नहीं ला सकते और स्वयं विभागीय परीक्षा में फेल हो जाते हैं.
यह बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि यह बात हाल ही में ली गई बीआरसी और एपीसी की परीक्षा के जारी किए गए परीक्षा परिणाम में सामने आई . जिसमें इस विभागीय परीक्षा में कुछ शिक्षक तो पासिंग मार्क लाकर पास हो गए, लेकिन कुछ शिक्षक 90 अंक के इस परीक्षा में फेल हो गए हैं. जिनमें से किसी शिक्षक ने 13 किसी ने 18, किसी ने20 तो कोई 22 अंक ही ले पाए हैं. हैरत की बात तो यह है कि इस परीक्षा में शामिल 6 शिक्षकों ने 90 में से 25 नंबर भी नहीं ला सके और फेल हो गए. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारे बच्चे जिन शिक्षकों, प्रधान पाठकों और व्याख्याताओं के पास पढ़ रहे हैं उनका भविष्य कैसा होगा?
विभागीय परीक्षा में 51 में से 45 पास, बाकी फेल
आपको बताएं कि जिला मुख्यालय सहित अन्य तहसील स्तरों में वर्षों से जमे बीआरसी और एपीसी को हटाने की कवायद राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा शुरू कर दी गई है.जिसके तहत मध्य प्रदेश राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल ने बीआरसी और एपीसी पद के लिए मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक, उच्च माध्यमिक शिक्षक और व्याख्याताओं से आवेदन आमंत्रित किए थे.जहां जिले भर से 57 इच्छुक उम्मीदवार शिक्षकों ने इन पदों के लिए आवेदन किया था. पद कम और आवेदन अधिक होने के बाद 16 अगस्त को मध्य प्रदेश राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा आवेदकों की उत्कृष्ट विद्यालय में परीक्षा संपन्न कराई गई थी. जहां 57 में से 51 शिक्षकों ने 90 अंक का पेपर डेढ़ घंटे में हल किया था.इस परीक्षा में पास होने के लिए 90 में से 25 अंक लाना अनिवार्य किया गया था.जिसके परीक्षा परिणाम आने पर इस परीक्षा में महज 45 शिक्षक की पास हो सके जबकि 6 शिक्षक इस परीक्षा में पासिंग अंक तक नहीं ला पाए और फेल हो गए.
सामान्य प्रश्नों के तक जवाब नहीं दे सके शिक्षक
परीक्षा में पास फेल होना एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन जब परीक्षा में पूछे गए प्रश्न सामान्य हो और दैनिक दिनचर्या से जुड़े विभागीय प्रश्न हो तो उनका सही उत्तर भी नहीं दे पा ना कहीं ना कहीं शिक्षकों की नाकामी को दर्शाता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 16 अगस्त को आयोजित की गई इस परीक्षा में कक्षा पहली से लेकर कक्षा आठवीं तक संचालित विभिन्न योजनाओं से जुड़े हुए प्रश्न पूछे गए थे. जिसमें सर्व शिक्षा अभियान के तहत संचालित बालिका शिक्षा, साईकिल वितरण,साक्षरता कार्यक्रम, गणवेश वितरण, मध्यान भोजन और पुस्तकों के वितरण सहित संबंधी ज्यादातर सामान्य सामान्य प्रश्न पूछे गए थे. इन सवालों का कई शिक्षक जवाब नहीं दे पाए और फेल हो गए.इस परीक्षा में हाई स्कूल धड़ी किरनापुर के एक शिक्षक ने सर्वश्रेष्ठ 63 अंक लाकर सब की लाज रख ली,तो वहीं कई शिक्षक 13,18, 20 22, अंक लाकर अपनी लाज तक नहीं बचा सके. जहां फेल होने वालों की सूची में, वरिष्ठ अध्यापक की सूची में सबसे वरिष्ठ एक अध्यापक के नाम का भी समावेश है जिन्होंने 90 में से महज 15.5 अंक हासिल किए हैं.