खुले आसमान में रखे हजारों क्विंटल धान हुई गीली

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सरकार के द्वारा जहां एक तरफ किसानों की आय दुगुनी करने की बात कही जाती है तो वहीं दूसरी तरफ जिलेभर में सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से समर्थन मूल्य में विगत दिवस से धान खरीदी की जा रही किन्तु खरीदी गई धान को सुरक्षित रखने में सरकार नाकाम साबित हो रही है क्योंकि समितियों में खरीदी गई धान का परिवहन नही से ५ जनवरी की रात एवं ६ जनवरी की सुबह हुई झमाझम बारिश से खुले आसमान के नीचे रखे हजारों क्विंटल धान गीली हो चुकी है और तेज बारिश होती है तो धान खराब हो सकती है जिससे शासन को लाखों रूपये का नुकसान हो सकता है। लालबर्रा क्षेत्र में ५ जनवरी को दोपहर बाद अचानक मौसम परिवर्तन होने के बाद समिति के द्वारा तिरपाल ढाककर बारिश से धान को बचाने का प्रयास किया गया परन्तु पुरे परिसर में धान डम्प होने के कारण पुरी धान को तिरपाल से सुरक्षित नही कर पाये और ५ जनवरी की रात्रि के समय एवं ६ जनवरी की सुबह एक घंटा बेमौसम झमाझम बारिश ने किसानों एवं समितियों की मुश्किले बढ़ा दी है। लालबर्रा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा अंतर्गत ९ सेवा सहकारी समिति अंतर्गत १४ धान खरीदी केन्द्रों में खरीदी गई धान का परिवहन कछुआ गति से होने एवं जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते हजारों क्विंटल धान भींग चुकी है। साथ ही किसानों के द्वारा अपनी उपज विक्रय करने खरीदी केन्द्रों में धान लेकर पहुंचे थे परन्तु काटा दुसरे दिन होने वाली थी परन्तु रात्रि के समय अचानक हुई बारिश से उनकी भी धान भींग चुकी है जिससे उन्हे यह बात सताने लगी है कि धान गीली हो गई है तो समर्थन मूल्य में खरीदी जायेगी या नही इस बात से किसान भी परेशान नजर आ रहे है। लालबर्रा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा के अंतर्गत १४ धान खरीदी केन्द्रों में गुरूवार तक ५२२५ किसानों से २,५२,२७७ क्विंटल ६० किग्रा. धान खरीदी की गई है।

घोटी में हजारों क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे

नगर मुख्यालय से लगभग ५ किमी. दूर ग्राम पंचायत घोटी स्थित सेवा सहकारी समिति में धान का परिवहन कछुआ गति से होने के कारणहजारों क्विंटल धान खुले आसमान में रखे गये है एवं जिन किसानों को धान विक्रय करने के लिए मैसेज मिले थे और ५ जनवरी अंतिम दिन था ऐसे ही किसानों की उपज की खरीदी की गई एवं शेष किसानों की नही की गई और पुरे परिसर में धान डम्प किया गया है जिसे तिरपाल से ढककर बचाने का प्रयास किया गया किन्तु ५ जनवरी की रात, ६ जनवरी की सुबह में हुई झमाझम बारिश से किसानों की उपज के साथ ही समिति के द्वारा खरीदी गई डम्प धान भी तिरपाल ढाकने के बाद भी गीली हो चुकी है। घोटी धान खरीदी केन्द्र में ५ जनवरी तक ५४१ किसानों से २३,४१९ क्विंटल ६० किग्रा. धान की खरीदी गई है किन्तु परिवहन कछुआ गति से होने के कारण खरीदी केन्द्र में हजारों क्विंटल धान डम्प पड़ा हुआ है जिसके कारण उपज विक्रय करने आ रहे किसानों के साथ ही समिति कोभी खरीदी करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बारिश होने के साथ ही दिनभर बदलीनुमा मौसम बने रहने के कारण सभी खरीदी केन्द्रों में शनिवार को धान खरीदी नही की गई है, डम्प धान को बारिश से बचाने के लिए तिरपाल ढाककर सुरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है परन्तु तेज बारिश होती है तो धान गीली हो सकती है जिससे किसान के साथ ही समिति भी परेशान है। समिति के प्रबंधकों एवं किसानों ने तेज अधिक से परिवहन करवाने की मांग शासन-प्रशासन से की है।

खरीदी केन्द्र में नही है पर्याप्त इंतेजाम, किसान परेशान

धान खरीदी को लेकर प्रतिवर्ष परिवहन नही होने व बारिश में धान भींगने की समस्याएं सामने आती है किन्तु खरीदी केन्द्रों में पर्याप्त इंतेजाम नही होने के कारण धान गीली हो जाती है और अब शासन व जिला प्रशासन पर सवाल उठने लगा है कि आखिर धान खरीदी केन्द्रों में धान के रखरखाव और बचाव के लिए कोई प्राप्त इंतजाम क्यों नहीं नही किये जाते है और जब भी बारिश या कोई तूफान आता है तो अन्नदाता की फसल उसकी चपेट में आ जाती है ऐसे में बेचारा किसान जाये तो आखिर कहां जाये। वहीं सरकार किसानों की आय को दोगुना करने का वादा करती है, लेकिन आय दोगुना करना तो दूर किसानों को उनकी मेहनत का फल मिल जाये वहीं उनके लिए किसी उपलब्धि से कम नही है।

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