गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने नहीं दिया है किसी भी प्रत्याशी व पार्टी को समर्थन ,

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जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव के मतदान की तारीख पास आते जा रही है वैसे-वैसे लोकसभा चुनाव में खड़े हुए प्रत्याशियों की बयानबाजी बढ़ते जा रही है, हर कोई अपने आप को एक दूसरे से कम नही माप रहा है और एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते हुए एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं, कोई बता रहा कि उन्हें उनके समाज ने समर्थन दे दिया है , तो कोई जनता से वोट लेने के लिए एक दूसरे के पक्ष में झूठी बयान बाजी कर रहे हैं , ऐसा ही एक विषय गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी द्वारा एक निर्दलीय प्रत्याशी पर आरोप लगाया गया है कि उनके द्वारा आदिवासी समाज और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का समर्थन मिलने की बात कही जा रही है, जो की पूर्णत: गलत है जिसको लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी द्वारा प्रेस वार्ता लेकर फैल रही अफवाह का खंडन कर निर्दलीय प्रत्याशी को उनके खिलाफ गलत प्रचार करने की बात कही गई है

आपको बता दे की 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण के मतदान होना है, जिसको लेकर अब चुनाव प्रचार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, तो वहीं कुछ प्रत्याशी जनता को अपने पक्ष में करने के लिए एक दुसरे प्रत्याशी के खिलाफ जनता को गुमराह करने के लिए बयान बाजी कर रहे हैं, इसी प्रकार का एक मामला गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी नंदलाल उयके द्वारा प्रेस वार्ता के माध्यम से बताया गया कि वह गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी हैं और एक निर्दलीय प्रत्याशी भुवनसिंह कुर्राम उनके खिलाफ समाज में गलत प्रचार प्रसार कर रहे हैं और भुवनसिंह कुर्राम के द्वारा संसदीय क्षेत्र में यह प्रचार किया जा रहा है कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी और पार्टी द्वारा उन्हें समर्थन दे दिया गया है, तो वही सर्व आदिवासी समाज द्वारा भी भुवनसिंह कुर्राम जो कि निर्दलीय प्रत्याशी हैं , उन्हें अपना समर्थन दिया गया है , जबकि यह सरासर गलत है, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा उन्हें अधिकृत प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतारा गया है और उन्हें जनता में अच्छा खासा जनता का समर्थन भी मिल रहा है , किंतु निर्दलीय प्रत्याशी भुवनसिंह कुर्राम द्वारा झूठा प्रचार प्रसार कर उनकी छवि को धूमिल करने और मतदाताओं को बहकाने का काम किया जा रहा है, जबकि ना ही उनकी पार्टी ने किसी को समर्थन दिया है और ना ही उनके द्वारा किसी को अपना समर्थन दिया गया है, जबकि सर्व आदिवासी समाज द्वारा भी उन्हें किसी प्रकार का कोई समर्थन नहीं दिया गया है, वह स्वयं से ही क्षेत्र में जाकर उनके खिलाफ प्रचार प्रसार कर उन्हें समर्थन देने की बात कही जा रही है, जो की बहुत ही गलत और निंदनीय है इसी विषय का खंडन करने के लिए और सही जानकारी देने के लिए उन्होंने 11 अप्रैल को देर शाम स्थानीय संस्थान में प्रेस वार्ता ली और मीडिया को यह जानकारी दी है

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