चयनित शिक्षक अभ्यर्थी सरकार से मांगेंगे इच्छा मृत्यु

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। सरकार की नीति के खिलाफ शिक्षक भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों में आक्रोश पनप रहा है जिसको लेकर चयनित अभ्यर्थियों के द्वारा लगातार प्रदर्शन और आंदोलन किए जा रहे हैं इसी कड़ी में शुक्रवार को चयनित अभ्यर्थियों ने नगर के अंबेडकर चौक में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए आक्रोश जताया सडक़ पर उतरे शिक्षक भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों ने लामबंद होकर रैली निकाली यह रैली नगर के विभिन्न चौक चौराहों का भ्रमण करते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे जहां संगठन के पदाधिकारियों के द्वारा अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
27 फ़ीसदी आरक्षण न दिए जाने से खफा ओबीसी के चयनित अभ्यर्थी
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा आरक्षण से संबंधित लंबित याचिकाओं में पारित अंतरिम आदेश दिनांक 13 जुलाई 2021 में ईडब्ल्यूएस हेतु आरक्षित 10 प्रतिशत  अभ्यर्थियों को उच्च न्यायालय जबलपुर में लंबित याचिकाओं के अधीन सशर्त नियुक्ति देने का आदेश पारित किया गया है किंतु शासन की ओर से अधिवक्ता पुष्पेंद्र कौरव द्वारा अंतिम सुनवाई से पूर्व ही अभिमत दिया गया था कि ओबीसी वर्ग को 14 फ़ीसदी आरक्षण भी दिया जाए और 13 प्रतिशत  आरक्षण होल्ड पर रखा जाए और इसी तरह की मांग उच्च न्यायालय जबलपुर में दिनांक 13 जुलाई को शासन की ओर से महाधिवक्ता द्वारा की गई जिसकी पुष्टि शासन की मांग अनुसार उच्च न्यायालय ने भी की है जिसे तर्कसंगत नहीं कहा जा सकता जिसको लेकर ओबीसी के चयनित अभ्यर्थियों के द्वारा शासन से मांग की गई है कि इस विषय को लेकर वह सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर करें।
सरकार से मांगेंगे इच्छा मृत्यु -विद्या बिसेन
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को 14 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से नियुक्ति किए जाने का प्रावधान किया जा रहा है जो कि न्याय संगत नहीं है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में 27 फ़ीसदी ओबीसी के लिए आरक्षण तय किया गया था और उसी के तहत शिक्षक भर्ती चयन सूची और प्रतीक्षा सूची जारी की गई थी अब न्यायालय के माध्यम से इस निर्णय पर जोर दिया जा रहा है कि ओबीसी को इस भर्ती में 14 प्रतिशत  आरक्षण के तहत नियुक्ति दी जाए 13 प्रतिशत  आरक्षण को होल्ड पर रखा जाएगा उन्होंने कहा कि 3 साल से जॉइनिंग के लिए चयनित अभ्यर्थी परेशान है लेकिन इस तरीके से ओबीसी अभ्यर्थियों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में यह भर्ती निकाली गई थी तब 27 प्रतिशत आरक्षण के तहत ही ओबीसी के चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जानी थी उन्होंने कहा कि उस दौरान एकलव्य स्कूल के भर्ती निकाली गई थी लेकिन अभ्यर्थियों ने इसलिए इस भर्ती में आवेदन नहीं किया कि उन्हें लग रहा था कि इस शिक्षक भर्ती में उनका भविष्य है यदि 14 प्रतिशत आरक्षण के तहत ओबीसी के चयनित अभ्यर्थियों का चयन होता है तो काफी आवेदक बाहर हो जाएंगे यदि शासन को इस तरह का निर्णय लेना था तो भर्ती के पूर्व बनाए गए नियम के तहत ही उन्हें इस नियम को लागू किया जाना था उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांगे नहीं मानी जाती है तो आगामी समय में चयनित अभ्यर्थी भोपाल पहुंचकर सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग करेंगे।
चयनित शिक्षकों को 27 फीसदी आरक्षण के तहत दी जाए नियुक्ति – सौरभ लोधी
इस मामले में ओबीसी महासभा के जिला अध्यक्ष सौरभ लोधी ने  कहा कि चयनित शिक्षकों को न्याय दिलाने के लिए लगातार संघर्ष किया जा रहा है 28 जुलाई को भी एक बड़ा आंदोलन किया गया था लेकिन भाजपा सरकार नहीं चाहती कि शिक्षकों को आरक्षण का लाभ मिले हमारी मांग है कि चयनित शिक्षकों को 27 फ़ीसदी आरक्षण के तहत नियुक्ति दी जाए और मध्य प्रदेश में जितने भी नियुक्तियां होंगी उनमें ओबीसी के अभ्यर्थियों को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए।

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