चार धाम यात्रा का टूर प्लान करने से पहले जान लें ये 5 बातें

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भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए अच्छी खबर है। चारधाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को अब उत्तराखंड जाने की अनुमति मिल चुकी है। 16 सितंबर को, नैनीताल उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रा पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। अब वो भक्त चारधाम की यात्रा कर सकते हैं, जिन्हें कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं। इसके अलावा भक्तों तो COVID-19 निगेटिव सर्टीफिकेट भी अपने साथ ले जाना होगा। अदालत ने भक्तों को सख्ती से COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन करने का आदेश दिया और आगंतुकों की संख्या को भी सीमित कर दिया है।

हाईकोर्ट ने कहा कि एक दिन में केदारनाथ धाम में 800, बद्रीनाथ धाम में 1200, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 श्रद्धालुओं को ही जाने की अनुमति होगी।

28 जून को लगी थी रोक

उच्च न्यायालय ने 28 जून को चारधाम यात्रा जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, कोविड-19 संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त तैयारी की कमी, डॉक्टरों की कमी और जिले की रिपोर्ट के आधार पर अगले आदेश तक यात्रा पर रोक लगा दी थी। चारधाम यात्रा, जिसमें केदारनाथ मंदिर की यात्रा शामिल है, हर साल देश और विदेश से लाखों पर्यटकों और भक्तों को आकर्षित करती है।

चार धाम यात्रा का प्लान बनाने से पहले ध्यान रखें ये बातें

– चार धाम यात्रा के लिए जाने वाले आगंतुकों को अनिवार्य रूप से COVID-19 निगेटिव रिपोर्ट ले जानी चाहिए।

– तीर्थयात्रियों को पवित्र स्थलों की यात्रा के लिए एक कोविड टीकाकरण प्रमाण पत्र भी ले जाना होगा।

– कोर्ट ने निर्देश दिया है कि मंदिरों के आसपास के किसी भी झरने में किसी को भी नहाने की इजाजत नहीं होगी।

– चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में चार धाम यात्रा के दौरान आवश्यकतानुसार पुलिस बल की तैनाती की जाएगी।

– केदारनाथ धाम में 800, बद्रीनाथ धाम में 1200, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री धाम में एक दिन में 400 श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति होगी।

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