देश के बाजार में चावल की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है और खरीफ सत्र के दौरान कम उत्पादन के पूर्वानुमान तथा गैर-बासमती चावल का निर्यात 11 प्रतिशत की वृद्धि को देखते हुए कीमतों में बढ़ोतरी आगे भी जारी रह सकती है। खाद्य मंत्रालय ने एक तथ्य पत्रक जारी कर यह जानकारी दी। इसमें मंत्रालय ने भारत की चावल निर्यात नीति में हाल में किए गए संशोधनों के पीछे के विस्तृत कारणों को बताया। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत के चावल निर्यात नियमों में हालिया बदलावों ने निर्यात के लिए उपलब्धता को कम किए बिना घरेलू कीमतों को काबू में रखने में मदद की है। इस महीने की शुरुआत में सरकार ने टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और गैर-बासमती चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया था। खाद्य मंत्रालय ने तथ्य पत्रक में कहा कि चावल की घरेलू कीमतों में वृद्धि का रुझान दिख रहा है और धान के लगभग 60 लाख टन कम उत्पादन के पूर्वानुमान तथा गैर-बासमती चावल के निर्यात में 11 प्रतिशत की वृद्धि के कारण इसमें बढ़ोतरी जारी रह सकती है।