चीता शावकों को गर्मी से बचाने के लिए बाड़ों में तैयार किए जाएंगे शेड

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कूनो नेशनल पार्क में शावकों का जन्म होना बेहद खुशी की बात है, अभी जन्मे सभी शावक स्वस्थ हैं। लेकिन कूनाे प्रबंधन के लिए गर्मियों में इन शावकों को बचाना चुनौती बनेगा। क्योंकि पिछली बार गर्मी के सीजन में ज्वाला ने जिन चार शावकों को जन्म दिया था उनमें से तीन की मौत हो गई थी। एक शावक बड़ी मुश्किल से बच पाया है। जो शावक सर्दी में जन्मे हैं वह सभी जीवित हैं। इसलिए अब कूनो प्रबंधन गर्मी के सीजन में शावकों को बचाने के लिए विशेष प्लानिंग तैयार करा है। शावकों को बचाने के लिए बाड़े में शेड बनाए जाएंगे।

बता दें कि, नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों को भारत की गर्मी-बारिश से अधिक सर्दी का मौसम भा रहा है। तीनों मौसम के दौरान चीतों की मौत और उनके प्रजनन की दर बताती है कि यहां की सर्दी उनके अनूकूल है। 27 मार्च 2023 को ज्वाला द्वारा पहली बार जन्मे चार शावकों से तीन की मौत मार्च से जून तक हो गई थी, एक शावक शेष बचा है जो बरसात और सर्दी का मौसम झेल चुका हैं, इन दोनों मौसम उसे कोई तकलीप नहीं हुई। तीन शावकों को अलावा गर्मी के सीजन में पांच चीतों को भी मौत हुई थी।

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