iPhone प्रोडक्शन को लेकर भारत में काफी चर्चा हो रही है। पहले iPhone प्रोडक्शन पर चीन का एक तरफा दबदबा था। जबकि अभी ये धीरे-धीरे भारत की तरफ ट्रांसफर हो रहा है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि नए आंकड़े सामने आए हैं और इसकी रिपोर्ट ET ने साझा की है। भारत में iPhone प्रोडक्शन के बाद फोन की कीमत भी थोड़ी कम हुई है। FY24 में ऐपल का भारत से रेवेन्यू 8 बिलियन डॉलर पहुंच गया है। जबकि ये आंकड़ा ऐपल के ग्लोबल रेवेन्यू का महज 2% है। क्योंकि कंपनी का कुल रेवेन्यू 391 बिलियन है।
ग्रेटर चीन का क्या है मतलब?
इस साल, Apple के ग्रेटर चीन का रेवेन्यू 66.95 बिलियन डॉलर था और ये ग्लोबल रेवेन्यू का 17% था। ऐपल का भारत में रेवेन्यू 11 बिलिय डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। ये रेवेन्यू FY26 में रखा गया था। भारत की तरफ से शुरुआत से Make in India प्रोडक्ट को बढ़ाने की बात कही गई है। 2027 तक iPhone की टोटल प्रोडक्शन का 26,27% तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। यानी भारत का योगदान बहुत ज्यादा होने वाला है। ग्रेटर चीन का मतलब है कि इसमें Hong Kong Macau, मेन चीन और Taiwan शामिल है।
चीन को मिलेगी टक्कर
चीन की बात करें तो रिपोर्ट दावा करती है कि 2027 तक भारत का iPhone प्रोडक्शन चीन के करीब पहुंच जाएगा। चीन तक प्रोडक्शन और सेल पहुंचने में भारत को करीब 10-15 साल का समय लग सकता है। यानी अभी भी चीन में iPhone प्रोडक्शन काफी ज्यादा है। हालांकि अब iPhone का एक्सपोर्ट भी भारत से होता है। साल 2020 में चीन का योगदान 14.68% था जबकि भारत का 0.66% था। अब भारत का योगदान तेजी से बढ़ने लगा है। साउथ एशियन देशों में ये काफी तेजी से बढ़ रहा है। Foxconn की तरफ से सबसे ज्यादा प्रोडक्शन किया जाता है।