भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने अजीत अगरकर को सिलेक्शन कमिटी का चेयरमैन बनाने के लिए परंपरागत जोनल रूल को तोड़ा। 2007 टी-20 वर्ल्ड कप विनिंग टीम का हिस्सा रहे अगरकर सिलेक्शन कमिटी में शामिल सभी सदस्यों से इंटरनेशनल करियर के लिहाज से सीनियर हैं। रिपोर्ट की मानें तो वह इस पद को संभालने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन उन्हें मनाया गया। इसके पीछे 2 बड़ी वजहें थीं।
दरअसल, अगरकर नियमित रूप से कॉमेंटेटर और आईपीएल की दिल्ली कैपिटल्स टीम के कोच रहे। उन्हें सिलेक्शन कमिटी में आने पर सैलरी कम हो जाती, जबकि वह अन्य प्रोफेशनल कामों में भी फंसे हुए थे। एक कमेंटेटर और कोच के रूप में वह मुख्य चयनकर्ता की तुलना में काफी अधिक कमा सकते थे। सिलेक्टर का मौजूदा वार्षिक वेतन 1 करोड़ रुपये ही है। ऐसे में टीम इंडिया से जुड़ना एक मुश्किल और आर्थिक रूप से घाटा सहने वाला फैसला था।
अजीत अगरकर के लिए चीफ सिलेक्टर की सैलरी में होगा 300% इजाफा
क्रिकबज की रिपोर्ट की मानें तो यह समझा जा रहा है कि मुंबईकर को चयन समिति के प्रमुख के रूप में पूर्व अनुभवों और बड़ा नाम होने की वजह से उपयुक्त माना गया। इसके अतिरिक्त बीसीसीआई एक युवा सिलेक्टर की तलाश कर रहा थी और अगरकर ने ट्वेंटी-20 क्रिकेट भी खेला है। ऐसे में वह पूरे मानदंड पर खरा उतर रहे थे। माना जा रहा है कि बीसीसीआई चेयरमैन पद के लिए फीस 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये प्रति वर्ष करने पर सहमत हो गया है।