मैं तो स्कूटर चला रहा था। सड़क पर छह फीट लंबा गड्ढा था। गाड़ी का अगला पहिया उसमें उतरा और सविता दीदी उछलकर गिर गई। उसके बाद उसे होश नहीं आया। सड़क जगह-जगह खुदी है, ऐसा पता होता तो यहां आता ही नहीं। अफसरों की लापरवाही ने दीदी की जान ले ली। उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।’ यह कहते-कहते मुंहबोला भाई राहुल सोलंकी रोने लगा। भंवरकुआं टीआइ संतोष दूधी रविवार सुबह राहुल को रिंग रोड मूसाखेड़ी ले गए और शनिवार रात हुई घटना की पड़ताल की। राहुल ने बताया कि स्कूटर पर सुजाता बघेल बीच में और सविता रणधावा पीछे बैठी थी। सड़क गीली थी, इसलिए स्कूटर धीरे ही चला रहा था।
गड्ढा आया और स्कूटर का अगला पहिया पूरा डूब गया। मैं साइड में गिरा और सविता दीदी उछलकर सामने गिरी। सुजाता भी गिर गई। सविता दीदी के सिर में चोट लगी और बेहोश हो गई। लोगों की मदद से अस्पताल ले गया लेकिन पांच मिनट बाद ही डाक्टर ने कहा कि चोट गहरी थी इसलिए सविता को बचा नहीं पाए। टीआइ ने नपती कर बताया कि गड्ढा करीब सवा छह फीट लंबा और आधा फुट गहरा है। पानी और अंधेरा होने से कोई अनुमान ही नहीं लगा सकता। दोपहर को पुलिसकर्मी मौका मुआयना कर रहे थे तो बाइक सवार गड्ढे में गिरते-गिरते बचा। टीआइ के मुताबिक हादसे की जांच होगी।
दोषी अफसरों पर कार्रवाई हो
राहुल के मुताबिक हादसा नगर निगम अफसर की लापरवाही से हुआ है। पुलिस को दोषी अफसरों पर कार्रवाई करना चाहिए। अफसरों को उन गड्ढों की तरफ ध्यान देना चाहिए जो हादसों का सबब बन रहे है।
जांच के निर्देश दिए जांच के निर्देश दिए हैं। संबंधित विभाग के जिम्मेदारों से पूछताछ की जाएगी। दोषी पाए गए तो कार्रवाई की जाएगी। – हरिनारायणाचारी मिश्र आइजी इंदौर
ढाई साल पहले मौत, अब तक तय नहीं हुई जिम्मेदार
ढाई साल पहले गड्ढे में गिरने से युवक की मौत के मामले में अब तक जिम्मेदार तय नहीं हुआ। हाई कोर्ट ने संबंधितों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। न जवाब आ रहा है, न जिम्मेदारी तय हो पा रही है। 21 वर्षीय नितिन राय मधुकर 2 अप्रैल 2019 की रात घर से दवा लेने निकला था। करीब 11 बजे मनोरमागंज क्षेत्र में सड़क पर बने करीब 10 फीट गहरे गड्ढे में गिरने से उसे गंभीर चोट आई और मौत हो गई। गड्ढे के आसपास न सुरक्षा इंतजाम थे, न संकेतक। निगम ने गड्ढा भरकर इतिश्री कर दी, लेकिन मौत के लिए जिम्मेदार कौन है, यह सवाल अभी भी हाई कोर्ट में लंबित है।