जबरदस्त एक्शन और दमदार एक्टिंग का सुपरहिट कॉम्बीनेशन, पहले दिन से ही चैप्टर 3 की मांग

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साउथ सुपरस्टार यश की बहुप्रतीक्षित एक्शन फिल्म ‘केजीएफ चैप्टर 2’ आज सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। फिल्म ‘केजीएफ 2’ अपनी मूल भाषा कन्नड़ के अलावा हिंदी, तमिल, तेलुगू और मलयालम में रिलीज हो चुकी है। फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखने वाले लोग सोशल मीडिया पर ‘केजीएफ चैप्टर 3’ की मांग कर रहे हैं। लोगों ने सोशल मीडिया पर संजय दत्त और रवीना टंडन स्टारर फिल्म को रिव्यू देना भी शुरू कर दिया है। फिल्म की एडवांस बुकिंग को देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि उनकी यह फिल्म काफी आकर्षक और दमदार होने वाली है। फिल्म दस हजार स्क्रीन्स पर रिलीज हुई है । केजीएफ 2 का क्रेज भारत के साथ-साथ विदेश में भी चल रहा है।

KGF2 की कहानी है दमदार

कहानी को डायरेक्टर प्रशांत नील ने शानदार अंदाज में पेश किया है। फिल्म का एक-एक फ्रेम जबरदस्त है। मूवी की एक डार्क टोन है, उसी तरह का सेटअप है, इमोशंस और एक्शन मूवी को बांधे रखते हैं। साथ ही रोमांस का थोड़ा सा तड़का भी है। डायलॉग्स पर अच्छी मेहनत हुई है जो ऑडियंस का इंट्रेस्ट बनाए रखते हैं। जैसे ‘नेपोटिज्म से नहीं मेरिट से आए’, ‘जब मेरे बाप से दूसरा रॉकी पैदा नहीं हुआ तो और किसी से क्या होगा’। ‘सांप-सीढी के खेल में अब नेवला उतर चुका है’।

रवीना और संजय दत्त दोनों के ही रोल दमदार हैं, लेकिन आज दौर यश का है, ये मूवी खासतौर पर उसी के लिए लिखी गई है। उसका किरदार इस तरह खड़ा किया गया है कि उसके आगे सब फीके लगते हैं। वैसे सभी कलाकारों ने अपने रोल के साथ न्याय किया है और एक्टिंग में कोई कमी नहीं दिखती। म्यूजिक साधारण है, लेकिन एक्शन मूवी में वैसे ही संगीत का ज्यादा रोल नहीं होता।

यहां रह गई कमी

हालांकि कहानी में एक चूक साफ समझ आती है कि जिन सुबूतों के भरोसे रॉकी देश की पीएम तक को पीछे हटने को मजबूर कर देता है, बाद में वो सुबूत डायरेक्टर किनारे क्यों कर देता है? रॉकी उनको मीडिया आदि को देकर पीएम रमिका को क्यों नहीं पीछे हटने पर मजबूर करता है? कह सकते हैं कि बड़ी मूवीज में बड़े बड़े स्टार्स के आगे कहानी की छोटी-छोटी गलतियां दब जाती हैं। वैसे पूरी फिल्म दमदार है और उम्मीद है कि दर्शकों को ये पसंद आएगी।

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