जर्जर छत के नीचे पढ़ने को मजबूर छात्र

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जिला मुख्यालय से 9 किलोमीटर दूर बैहर रोड पर स्थित मानेगांव प्राथमिक स्कूल की वर्षों पुरानी बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। हालात इतने अधिक खराब है की क्लास से छात्रों को आसमान दिखाई देता है बारिश में टपकती छत की वजह से अतिरिक्त कक्ष के एक कमरे में 5 कक्षाएं संचालित की जाती है अधिक बारिश होने पर छुट्टी तक करने की नौबत आ जाती है।

इस विषय पर जब हमने स्कूल के छात्रों से चर्चा की तो वे उतने बेहतर तरीके से कुछ ना बता पाए लेकिन जितना कुछ उन्होंने हमें बताने की कोशिश की उसमें हमें यही समझ में आया कि जर्जर स्कूल भवन यहां पर पढ़ने वाले छात्रों के डर का कारण है।

स्कूल की टीचर बताती है कि वह बरसों से इसी स्कूल में कार्यरत हैं यह बिल्डिंग वर्षों पुरानी है बीते 10 वर्ष से तो इसी हालात में हैं। जर्जर स्कूल मैं पूरे समय डर बना रहता है छोटे बच्चों का स्कूल है इसलिए बहुत अधिक सुरक्षित होना चाहिए बारिश में छठ भक्ति है जिस कारण बहुत अधिक परेशानी होती है।

स्कूल के प्रभारी हेड मास्टर के अनुसार बीते वर्षों तक छत के ऊपर तर्पॉलिन लगाई जाती थी । लेकिन इस बार कोविड की वजह से सितंबर महीने में स्कूल खुला। तब तक बारिश लगभग समाप्त हो चुकी थी लेकिन बीच-बीच में जब भी बारिश हुई तब तक छात्रों और शिक्षकों को परेशानी हुई। स्कूल के हालत के विषय में पत्राचार किया जा चुका है वरिष्ठ स्तर से यही जानकारी मिल रही है कि स्कूल के लिए राशि सैंक्शन हो चुकी है, जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा।

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