टॉक्यो: रूस के कामचटका प्रायद्वीप में बुधवार सुबह आए 8.8 की तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद प्रशांत महासागर में सुनामी की लहरें उठी हैं। सुनामी ने रूस, अमेरिका, न्यूजीलैंड, जापान जैसे देशों के तटीय इलाकों को प्रभावित किया है। जापान खासतौर से इस सुनामी से प्रभावित हो रहा है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया है कि 60 सेंटीमीटर यानी 2 फीट ऊंची सुनामी की पहली लहर होक्काइडो के पूर्वी तट पर स्थित नेमुरो तक पहुंच गई है। ये लहरें प्रशांत तट के साथ होक्काइडो से टोक्यो खाड़ी तक दक्षिण की ओर बढ़ रही हैं।
सुनामी की वजह से जापान में करीब 20 लाख लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों पर जाने के लिए कहा गया है। सुनामी से प्रभावित होक्काइडो से ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें लोगों को घरों की छत पर इकट्ठा होकर मदद की गुहार लगाते देखा जा रहा है। जापानी अधिकारियों ने लोगों से उत्तरी तटीय इलाके को खाली कर ऊंचे जगह पर चले जाने के लिए कहा है।
परमाणु प्लांट तक सुनामी की लहरें
जापान के प्रशांत तट से सुनामी की लहरें टकराई हैं। प्रशांत तट के अलावा उत्तर में होक्काइडो से लेकर दक्षिण में वाकायामा प्रांत तक जापानी अफसरों ने लोगों से घर खाली करने के लिए कहा है। जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने कहा कि सुनामी की लहरें 3 मीटर तक ऊंची हैं, ऐसे में यह रिहायशी इलाके तक पहुंचने पर बड़ी तबाही का सबब बन सकती हैं।
जापान केफुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट तक सुनामी की लहरों ने दस्तक दी है। सुनामी के खतरे को देखते हुए प्लांट के कर्मचारियों को निकालकर सरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। फिलहाल प्लांट में किसी नुकसान की खबर नहीं है। स्थानीय अधिकारियों की चिंता इससे बढ़ी है क्योंकि साल 2011 में जापान में 9.0 तीव्रता वाले भूकंप के बाद आई सुनामी फुकुशिमा दाइची प्लांट में बड़े हादसे की वजह बनी थी।
जापान में जानमाल का नुकसान नहीं
सुनामी के संकट पर बात करते हुए जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने कहा है कि अधिकारी लगातार हालात पर नजर बचाए हुए हैं। राहत और बचाव की टीमें भी अलर्ट पर हैं। जापानी पीएम ने कहा कि किसी भी राहत बचाव कार्य में पहली प्राथमिकता इंसानों की जान बचाने की होगी। इशिबा ने नागरिकों से तटों से दूर रहने और ऊंचे इलाकों में जाने के लिए कहा है। जापान में सुनामी की वजह से अभी तक जानमाल के किसी नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है।