जिला अस्पताल के मेडिकल वार्ड में अव्यवस्थाओं का आलम

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जिला चिकित्सालय के मेडिकल वार्ड में इन दिनों अव्यवस्थाओं का बोलबाला है यहां पर ना ही डॉक्टरों द्वारा मरीज को चेक किया जा रहा है और ना ही जिला चिकित्सालय में लगे कूलरों आदि व्यवस्थाओं का कोई ध्यान रख रहा है बल्कि स्वयं यहां के मरीज ही कूलरों में पानी डाल रहे हैं और वहीं इन मरीजों को बिना इलाज किया ही जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों द्वारा छुट्टी दे दी जा रही है कुछ मरीजों द्वारा यह भी बताया गया कि उन्हें यहां का स्टाफ महज ग्लूकोज की बोतल लगा देते है और उन्हें ही उस बाटल की रफ्तार को कम ज्यादा करने को कहा जाता है किंतु कोई भी बाटल लगाने के बाद उनके पास आकर नहीं देखता

आपको बता दे की जिला चिकित्सालय के मेडिकल वार्ड में इन दिनों काफी अव्यवस्थाओं का आलम बना हुआ है यहां पर उपचार करवाने आए मरीजों का कहना है कि उन्हें डॉक्टरों द्वारा बिना उपचार किये ही छुट्टी दे दी जा रही है और बल्कि इतना ही नहीं कुछ डॉक्टरों द्वारा तो यहां के मरीजों को उपचार करने के लिए निजी अस्पताल में जाने की सलाह भी दी जा रही है, जबकि देखा जाए तो ग्रामीण क्षेत्र से मरीज बड़ी ही उम्मीद लगाकर जिला चिकित्सालय में उपचार करवाने के लिए आते हैं किंतु जिला चिकित्सालय में कोई भी मरीजों पर ध्यान नहीं देता बल्कि यहां पर स्वयं ही मरीज परेशान होकर अपनी छुट्टी लेकर जाने के लिए मजबूर हो जाते हैं तो कुछ मरीज ऐसे भी हैं जिन्हें डॉक्टर ने छुट्टी देने के बाद भी वह जिला चिकित्सालय में अभी भी भर्ती हैं ताकि उन्हें यही उम्मीद लगी है कि जिला चिकित्सालय के डॉक्टर आकर उनका उपचार करेंगे भले ही उन्हें छुट्टी दे भी दी गई है तो वह यहीं पर भर्ती रहकर अपना इलाज करवाने का इंतेजार कर रहे है

बिना उपचार किये ही दे दी जाती है छुट्टी – तुलाराम

उपचार करवाने आए तुलाराम बताते हैं कि वह एक दिन पहले से ही जिला चिकित्सालय में भर्ती हुए हैं और उनका सही से इलाज भी नहीं हुआ और अब जिला चिकित्सालय प्रबंधन उन्हें छुट्टी करने की बात कह रहे हैं जबकि अभी उनका सही से उपचार भी नहीं हुआ है और जिला चिकित्सालय प्रबंधन उन्हें छुट्टी कर जाने की बात कह रहा है और जिस प्रकार से उपचार होना चाहिए वह उपचार भी उन्हें नहीं मिल रहा है और कोई भी उनसे सही से जिला चिकित्सालय में बात नहीं करता है और उनका यह मानना है कि जब तक जिला चिकित्सालय में मरीज को पूरी तरह आराम नहीं मिलता तब तक उनकी छुट्टी नहीं करना चाहिए

जब तक इलाज नहीं होता ,नहीं जाता मैं घर – योगेश गिरी गोस्वामी

उपचार करवाने आए योगेश गिरी गोस्वामी बताते हैं कि वह बीते 26 मई से जिला चिकित्सालय में भर्ती हैं किंतु 26 मई से आज तक उनका किसी प्रकार का कोई उपचार नहीं किया गया है और महज उन्हें बोतल ही लगा दी जाती है और उसके बाद वह जिला चिकित्सालय में बेड पर सोते रहते हैं और कोई भी उन्हें देखने के लिए नहीं आ रहा और वह डॉक्टर को बुलाकर अपनी परेशानी बताते हैं तो उल्टा उन्हें ही डॉक्टरों द्वारा डांट फटकार की जाती है जबकि उन्हें एक दिन पहले ही छुट्टी दे दी गई है पर वह जिला चिकित्सालय से अपने घर जाना नहीं चाहते उनका मानना है कि जब तक उनका पूरी तरह से उपचार नहीं किया जाता , तब तक वह अपने घर नहीं जाएंगे उन्होंने यह भी बताया कि जो ग्रामीण अंचलों से मरीज यहां उपचार करवाने आते हैं उनका उपचार नहीं किया जाता और उन्हें छुट्टी दे दी जाती है या तो फिर निजी अस्पताल में जाने की सलाह यहां के डॉक्टरों द्वारा दी जाती है

मरीज और उनके परिजन भरते हैं कूलरों में पानी – राजेंद्र प्रसाद

राजेंद्र प्रसाद बताते हैं कि जिला चिकित्सालय में जो कूलर लगे हैं उनमें अस्पताल प्रबंधन के कोई भी कर्मचारी देखने और पानी डालने के लिए नहीं आते बल्कि यहां पर जो मरीज भर्ती है वहीं मरीजों के द्वारा अस्पताल के कूलरों में पानी भरा जा रहा है जबकि देखा जाए तो जिला चिकित्सालय में अलग-अलग कार्य के लिए अलग-अलग कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है पर अव्यवस्था के आलम के चलते कोई भी यहां पर अपनी जिम्मेदारी से कार्य नहीं कर रहा है इसी के कारण उपचार करने आए मरीज और उनके परिजन कुलरों में पानी भर रहे हैं

ग्लूकोज की बोतल की रफ्तार को हम ही करते हैं काम ज्यादा – रूपलाल

रूपलाल डाहाटे बताते हैं कि मेडिकल वार्ड में इतनी अव्यवस्था हैं कि यहां के स्टाफ को ही जानकारी नहीं होती कि किस मरीज की छुट्टी हुई और कौन मरीज अभी भर्ती है और मरीज का भी किसी प्रकार का कोई उपचार यहां पर होता नहीं है वही यहां के स्टाफ द्वारा ग्लूकोज की बोतल लगाने के बाद हमें ही काम ज्यादा और बंद करने के लिए बता दिया जाता है और हम ही बाद में ग्लूकोज को चालू या बंद कर उसे काम ज्यादा करते रहते हैं

जो समस्या बताई गई है उस पर संज्ञान लेंगे – निलय जैन

जब हमने इस विषय को लेकर सिविल सर्जन निलय जैन से चर्चा की तो उनके द्वारा बताया गया कि अभी वह नये सिविल सर्जन बने हैं और जैसी जैसी कमियां उनके सामने आ रही है उन सब कमियों को दुरुस्त करने का काम उनके द्वारा किया जा रहा है जल्द ही हमारे द्वारा जो उन्हें समस्या बताई गई है उस पर वह संज्ञान लेंगे

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