बालाघाट(पदमेश न्यूज़)
मानसून की बिदाई के बाद एक बार फिर मौसम में बदलाव देखा जा रहा है।जहा मौसम में आए अचानक बदलाव के चलते शनिवार को बालाघाट नगर सहित जिले भर में झमाझम बारिश देखी गई।नगर में भी मौसम परिवर्तन का असर देखने को मिला।जहा दोपहर के बाद अचानक मौसम में बदलाव हो गया जहा धीरे धीरे नीले आसमान को काले बादलों ने घेरना शुरू कर दिया।जहा दोपहर करीब साढ़े तीन बजे बिजली की चमक व आकाशीय गर्जना के साथ तेज बारिश होने लगी। हालांकि बारिश से पूर्व मई-जून की गर्मी की तरह महसुस हो रहा था, लेकिन दोपहर हुई बारिश से लोगों को राहत मिली है। उधर जिले के विभिन्न क्षेत्रों देर रात तक बेमौसम बारिश देखने को मिली।एक ओर इस बारिश ने जहा गर्मी से राहत पहुचाई है तो वही दूसरी ओर हल्की धान लगाने वाले किसानों की एक बार फ़िर से मुश्किलें बढ़ गई है।उधर मौसम में आए इसी बदलाव के बीच मौसम विभाग ने एक सप्ताह तक मौसम के कुछ इसी तरह बने रहने, और बीच बीच मे जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हल्की से मध्य के बीच बारिश होने की आशंका जताई है।
खेतो में खड़ी फसल,बारिश होने से किसान चिंतित
बेमौसम बारिश ने एक बार फिर किसानों की मुस्किले बढ़ा दी है।अभी किसानो ने जैसे तैसे अपनी तैयार फसलों को बीमारी के प्रकोप से बचाया तो अब उनकी फसलों पर बेमौसम बारिश की मार पड रही है।बताया जा रहा है कि खरीफ सीजन में पैदा की जाने वाली धान की फसल खेतो में पककर खड़ी है, नवरात्र और विजयादशमी के बाद हल्की धान की कटाई भी किसान शुरू करने वाले थे लेकिन एकाएक बारिश ने उनकी योजना को फेल कर दिया है। वहीं बारिश से हल्की धान को नुकसान हो सकता है, पौधे में लगी धान की बालियों के झड़ने का डर है।
किसानों को घबराने की जरूरत नही
बे मौसम बारिश से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखने लगी है।हालांकि कृषि विभाग अधिकारियों का कहना है कि फ़िलहाल किसानों को घबराने की आवश्यकता अभी नहीं है, चूंकि यह बारिश की बिदाई का पानी है, जिससे पानी ज्यादा नहीं गिरता है तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मानसुन की जिले से विदाई के बाद मौसम परिवर्तन से हुई बारिश से ठंड की ठंडकता और बढ़ेगी। हालांकि गुलाबी ठंड का अहसास अब रात में होने लगा है। दिन भर धूप और रात में हल्की ठंड लगना शुरू हो गई है।वही मौसम जानकारों द्वारा 22 अक्टूबर से जिले में ठंड बढ़ने की बात कही जा रही है।
इसलिए बदला मौसम, एक्टिव हुआ मानसून
मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में महाराष्ट्र और उससे लगे अरब सागर पर गहरा कम दबाव का क्षेत्र बना है। महाराष्ट्र से केरल तक एक द्रोणिका बनी हुई है, जो गहरे कम दबाव के क्षेत्र से होकर गुजर रही है। पाकिस्तान और उससे लगे जम्मू पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। जबकि राजस्थान पर एक प्रति चक्रवात बना हुआ है।चक्रवात के कारण विपरीत प्रकृति की हवाएं आ रही हैं। इस वजह से प्रदेश के दक्षिणी भाग में गरज- चमक के साथ वर्षा हो रही है।मौसम विभाग के अनुसार महाराष्ट्र और उससे लगे कई इलाकों में एक सिस्टम बना है. अरब सागर के ऊपर भी एक गहरा कम दबाव का इलाका बना हुआ है. महाराष्ट्र से केरल तक एक द्रोणिका भी बनी हुई है. तो वहीं राजस्थान के ऊपर भी एक चक्रवात एक्टिव है.इसके असर की वजह से नमी वाली हवाएं मध्य प्रदेश आ रही है. इसकी वजह से प्रदेश के कई इलाकों में सामान्य बारिश हो रही है. तो वही कुछ क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ झमाझम बारिश देखने को मिल रही हैं.
24 घन्टे में बारिश की स्थिति
जिले में बीते 24 घंटे में परसवाड़ा में ही 31.2 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है, जबकि 10 तहसीलो में कोई बारिश नहीं हुई थी। मौसम खुला होने से अब बारिश की उम्मीद कम ही जताई जा रही थी लेकिन शनिवार को मौसम बदला और जमकर बारिश हुई।फिलहाल, बीते एक पखवाड़े से बारिश के नहीं होने से जिला, जरूर पिछले वर्ष हुई बारिश के आंकड़े से कम है लेकिन यह कमी ज्यादा नहीं है। जहां बीते वर्ष 01 जून से 12 अक्टूबर तक 1225.0 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई थी। वहीं इस वर्ष बारिश का आंकड़ा 1223.5 है। जिसमें सबसे ज्यादा बारिश बैहर में 1769.8 और सबसे कम खैरलांजी में 648 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है। भू-अभिलेख अधिकारी स्मिता देशमुख ने बताया कि 01 जून से 12 अक्टूबर तक जिले में तहसीलवार हुई वर्षा में बालाघाट में 1296 मिलीमीटर, वारासिवनी में 1322, लांजी में 1071, कटंगी में 1005.6, किरनापुर में 1315.2, लालबर्रा में 1234.2, बिरसा में 1082.8 और तिरोड़ी में 996.1 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि बीते 24 घंट में 2.8 मिलीमीटर वर्षा हुई है।










































