जिला शिक्षा विभाग में डीईओ की कुर्सी के लिए पिछले कुछ दिनों से घमासान देखने को मिल रहा है। यह सहायक संचालक और डीईओ के बीच आरोप-प्रत्यारोप के घटनाक्रम से कार्यालय की कर्मी भी असहज महसुस करते है। ताजा घटनाक्रम डीईओ अश्विनी उपाध्याय की नियुक्ति से जुड़ा है।दरअसल, डीईओ ऑफिस एम्पलाईज ग्रुप में सहायक संचालक गिरधारी नाईक की डाली गई पोस्ट वायरल हो रही है, चूंकि यह पोस्ट जाहिर सूचना के रूप में डाली गई है।डीईओ ऑफिस एम्पलाईज ग्रुप में वायरल जाहिर सूचना और शिकायती आवेदन को लेकर शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के बीच चर्चा जोरो पर है।
व्हाट्सअप ग्रुप यह पोस्ट हो रहा वायरल
डीईओ ऑफिस एम्पलाईज व्हाट्सअप ग्रुप में डीईओ की कुर्सी को लेकर जमकर बहस देखी जा रही है।जहा ग्रुप में लाल अक्षरों के इस पाम्पलेट को, जनहित में जारी अपील के रूप में लिखा गया है, ‘‘सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि, जिला शिक्षा अधिकाी कार्यालय बालाघाट में जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत व्यक्ति अश्विनी कुमार उपाध्याय जनता को खुलेआम ठग रहा है। शासकीय सेवा में इनकी नियुक्ति फर्जी है और बिना आदेश मनमर्जी, स्वयं-भू जिला शिक्षा अधिकारी है। शिक्षा जैसे महान व पवित्र कार्य के महत्त पद पर कार्य करने वाला व्यक्ति फर्जी है तो शिक्षा की पवित्रता तथा गुणवत्ता कैसे होगी!इनके छल, कपट और धोखाधड़ी से जनता/शासन की करोड़ो रूपए की हानि हुई है और शीघ्र कार्यवाही नहीं हुई तो और भी करोड़ो रूपए की हानि होना तय है। उक्त आशय के समुचित समाधान के लिए शासन और जनहित में जारी यह परिस्थितिजन्य अपील है।’’
10 रूपए की टिकिट के साथ लिखा ,की जाए उचित कार्यवाही
डीईओ ऑफिस एम्पलाईज व्हाट्सअप ग्रुप में वायरल पोस्ट में उक्त उल्लेख के अलावा सहायक संचालक गिरधारी नाईक के मोबाईल नंबर से इसी ग्रुप में कलेक्टर को 10 रूपए की टिकिट के साथ लिखा गया एक आवेदन भी है जिससे सहायक संचालक गिरधारी नाईक ने अश्विनी कुमार उपाध्याय, फर्जी प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी व फर्जी शासकीय सेवक के झूठ, छल, कपट व धोखाधड़ी पर तत्काल उचित कार्यवाही की मांग की है।
डीईओ बनाने के कोई आदेश नही है- नाईक
डीईओ ऑफिस एम्पलाईज व्हाट्सअप ग्रुप में किए गए वायरल पत्र को लेकर सहायक संचालक गिरधारी नाईक ने इसकी स्वीरोक्ति करते हुए बताया कि जिला शिक्षा कार्यालय में सहायक संचालक के एक पद के बावजूद, यहां हालिया एक को सहायक संचालक के रूप में पदस्थापित करने के साथ ही अब तीन लोग हो गए है। जिसमें वह स्वयं और वर्तमान में डीईओ अश्विनी उपाध्याय है। चूंकि वरिष्ठता के आधार पर उन्हें डीईओ का कार्यभार मिलना चाहिए था, लेकिन कनिष्ठ अश्विनी कुमार उपाध्याय, डीईओ के प्रभार में है, जिसको लेकर शासन और प्रशासन को उन्होंने आवेदन भी किया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही है, जिससे उन्होंने ग्रुप में जाहिर सूचना और कलेक्टर को दिए गए आवेदन को डाला था। उन्होंने कहा कि शासन से अश्विनी कुमार उपाध्याय को डीईओ बनाने के कोई आदेश नहीं है।
बिना आदेश के कोई डीईओ की कुर्सी पर बैठ सकता है क्या -उपाध्याय
वही इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी अश्विनी कुमार उपाध्याय ने बताया की किसी के कुछ भी बोलने से कुछ नही होता। बिना कोई आदेश के डीईओ नहीं बन सकता है, वह उच्च पद के प्रभार से डीईओ के पद पर बैठे है, आदेश होगा तभी हम बैठे है,बिना आदेश को कोई डीईओ की कुर्सी पर बैठ सकता है क्या। सहायक संचालक गिरधारी नाईक के आरोपो के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मामले में वह कुछ नहीं कहना चाहते है लेकिन यह उनकी आदत है, इससे पूर्व भी जिला शिक्षा अधिकारी रहे लोगों के खिलाफ उन्होंने ऐसा ही किया है।