आमजनों की सहायता एवं योजनाओं का लाभ दिलवाने के लिए शासन के द्वारा विभिन्न शासकीय विभाग बनाये गये है और आमजन विभागों की सहायता से अपनी समस्याओं का समाधान कर योजनाओं का लाभ लेने के साथ ही अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके। वही इन सभी विभागों के स्थान या कार्यालय भी शासन के द्वारा तहसील एवं ब्लॉक स्तर पर बनाया गया है जिनके लिए शासन के द्वारा कुछ नियम-कानून मापदंड, समय सीमा भी तय की गई है लेकिन शासन के इन मापदंड समय सीमा को कुछ विभाग के कर्मचारी-अधिकारी आये दिन दिन नजर अंदाज करते हुए नजर आते हैं और शासन की इन नियम कानून की धज्जियां उड़ाते दिखाई पड़ते हैं। ऐसा ही एक मामला नगर मुख्यालय स्थित तहसील कार्यालय में २५ अगस्त को प्रकाश में आया है जहां दोपहर डेढ़ बजे तक तहसील कार्यालय के गेट में ताला लटका हुआ रहा जिससे तहसील कार्यालय में अपने काम से आये फरियादी, पक्षकार, ग्रामीण व अधिवक्तागणों को परेशान होना पड़ा और वे इधर-उधर भटकते हुए नजर आये। जब अधिवक्ता व ग्रामीणजनों के द्वारा तहसील कार्यालय के गेट के सामने दोपहर डेढ़ बजे तक तहसील कार्यालय में ताला लटके होने से आक्रोश व्यक्त करते हुए तहसीलदार के प्रति नाराजगी व्यक्त की गई। जिसकी जानकारी तहसीलदार अनुराग त्रिपाठी को लगने के बाद उन्होने तत्काल किसी कर्मचारी को भेजकर माध्यम से गेट का ताला खुलवाया गया और अधिकारी-कर्मचारी धीरे-धीरे पहुंचे। जबकि शासकीय कार्यालय के खुलने का समय प्रात: १०.३० से ११ बजे के बीच का होता है लेकिन दोपहर १.३० बजे तक तहसील कार्यालय का ताला नही खुलने से लोगों को परेशानी हुई वहीं अधिवक्ता व ग्रामीणजनों ने तहसील कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारी पर मनमानी करने का आरोप लगाकर उन पर वैधानिक कार्यवाही करने की मांग जिला प्रशासन से की है।
आपकों बता दें कि राजस्व विभाग के समस्त लिपिक वर्गीय कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को पूरा करवाने के लिए २५ अगस्त को एक दिवसीय सामूहिक अवकाश पर चले गये है एवं २३ अगस्त से पटवारी भी तीन दिवसीय सामूहिक अवकाश पर है। ऐसी स्थिति में लालबर्रा तहसील कार्यालय में पदस्थ अधिकांश कर्मचारी छुट्टी पर चल रहे है और तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं अन्य अधिकारी ही ड्यूटी है परन्तु उनके द्वारा भी समय पर कार्यालय नही आने के कारण २५ अगस्त को दोपहर १.३० बजे तक तहसील कार्यालय में ताला लटका रहा जिससे दुर-दराज से तहसील कार्यालय में नक्शा, खसरा, गिरदावरी, पेशी व अन्य कार्य से आये ग्रामीणजन व अधिवक्तागणों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा। जबकि प्रतिदिन प्रात: १०.३० बजे तहसील कार्यालय खुल जाता था परन्तु २५ अगस्त को करीब ३ घंटे के बाद तहसील कार्यालय का गेट खोला गया जिसके बाद अधिवक्तागण एवं पक्षकार तहसील कार्यालय में प्रवेश किये। तहसील कार्यालय समय पर नही खुलने से ग्रामीणजनों के साथ ही अधिवक्तागणों को करीब ३ घंटे तक वे इधर-उधर घुमते रहे जिससे उन्हे परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और प्रशासन के प्रति नाराजगी व्यक्त की है। चर्चा मेें अधिवक्तागण व ग्रामीणों ने बताया कि आवश्यक कार्य से तहसील कार्यालय आये थे लेकिन तहसील कार्यालय में ताला लगा हुआ था जबकि शासकीय कार्यालयों के खुलने का समय प्रात: १०.३० से ११ बजे के बीच का होता है लेकिन दोपहर १.३० बज जाने के बाद भी तहसील का कोई कर्मचारी नजर नही आ रहा है, न ही कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित है यह एक तरह से लापरवाही है। साथ ही यह भी बताया कि पटवारी व अन्य कर्मचारी अवकाश पर है परन्तु हमारा कहना है कि किसी भी कार्यालय के कर्मचारी के हड़ताल व सामूहिक अवकाश पर है तो कुछ कर्मचारी-अधिकारी हड़ताल पर नही रहते है परन्तु जिम्मेदारों के द्वारा समय पर कार्यालय नही खोला गया है जो गलत है ऐसे लापरवाही अधिकारी-कर्मचारी पर कार्यवाही होना चाहिए।
तहसीलदार अनुराग त्रिपाठी से दूरभाष पर समय पर तहसील कार्यालय नही खोलने के संबंध में चर्चा करने का प्रयास किया गया परन्तु संपर्क नही हो पाया।