केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जहां एक ओर दिल्ली बॉर्डर में किसान लगातार तीन महा से आंदोलन कर इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर जिले में दबे पांव कांट्रैक्ट फार्मिंग की शुरुआत हो चुकी है जहां कुछ प्राइवेट कंपनियां किसानों को मुनाफा देने की बात कह कर किसानों से एग्रीमेंट करा रही है इस एग्रीमेंट में जहां किसानों से न केवल कांट्रेक्ट फार्मिंग के तहत उनकी जमीन किराए पर ली जा रही है बल्कि ज्यादा मुनाफा देने की बात कहते हुए इंट्राफक्चर के नाम पर किसानों से लाखों रुपए भी वसूले जा रहे हैं।
जी हम बात कर रहे हैं फिश फार्मिंग कंपनी की। जहां विभिन्न प्राइवेट कंपनियां जिले में सक्रिय हो चुकी है जो किसानों के खेत में फिश फार्मिंग कराने की बात कहते हुए किसानों से एग्रीमेंट बना रही हैं।