दुनिया का सबसे ठंडा शहर है रूस का याकुत्स्क:तापमान -50 डिग्री सेल्सियस; गोल्ड-डायमंड की खदानों के कारण रहते हैं लोग

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दुनिया के सबसे ठंडे शहर में तापमान -50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। हालात यह हैं कि खाने-पीने का सारा सामान बर्फ में जम गया है। पानी पीने के लिए पहले बर्फ पिघलानी पड़ती है। ये रूस का याकुत्स्क शहर है। स्थानीय मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले दिनों में यहां तापमान -62 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।

इस इलाके में गोल्ड, डायमंड और यूरेनियम की खदानें हैं जिनसे लोगों की अच्छी आमदनी हो जाती है। इसी वजह से लोग कड़ाके की ठंड के बावजूद यहां रहते हैं।

आर्कटिक की बर्फीली हवाओं ने गिराया तापमान
याकुत्स्क मॉस्को से 5000 किलोमीटर दूर पूर्व में स्थित है। यहां सर्दियों में तापमान -40 डिग्री के आसपास रहता है। लेकिन आर्कटिक से आई बर्फीली हवाओं के चलते फिलहाल तापमान और ज्यादा नीचे चला गया है।

यहां 3 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। अक्टूबर से अप्रैल तक खासकर दिसंबर से फरवरी तक कड़ाके की ठंड रहती है। इन महीनों में बर्फ पत्थर जैसी कठोर हो जाती है। घर के बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। बाकी महीनों में हालात सामान्य रहते हैं।

पत्ता गोभी की तरह कपड़े पहन रहे लोग
याकुत्स्क में रहने वालीं नर्गुसुन स्टारोस्टिना कहती हैं कि सर्दी से बचने का सिर्फ एक ही तरीका है- पत्ता गोभी की तरह लेयर्स में कपड़े पहनना। नर्गुसुन बाजार में फ्रोजन फिश बेचती हैं। माइनस में तापमान होने की वजह से उन्हें मछली रखने के लिए फ्रिज की जरूरत भी नहीं पड़ती है।

मरीना लेवीना भी इसी मार्केट में मछली बेचती हैं। वे कहती हैं कि ठंड से लोगों की हड्डियां तक जम गई हैं। ठंड से बचने के लिए इतने सारे कपड़े पहनने पड़ते हैं कि बात करना और सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। काम करना तो और भी ज्यादा मुश्किल होता है लेकिन घर चलाने के लिए बाजार में मछली बेचने आना पड़ता है।

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